रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर कायम रखा, प्रोत्साहन उपायों की ‘वापसी’ का संकेत |

रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर कायम रखा, प्रोत्साहन उपायों की ‘वापसी’ का संकेत

रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर कायम रखा, प्रोत्साहन उपायों की ‘वापसी’ का संकेत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:20 PM IST, Published Date : October 8, 2021/1:02 pm IST

नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को उम्मीद के अनुरूप प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर बरकरार रखा। यह लगातार आठवां मौका है जबकि केंद्रीय बैंक ने रेपो दर को यथावत रखा है।

हालांकि, इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने आर्थिक पुनरुद्धार के बीच कोविड-19 महामारी के दौर में दिए गए प्रोत्साहन उपायों को ‘वापस लेने’ (टेपरिंग) का संकेत भी दिया।

छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर को चार प्रतिशत के स्तर पर कायम रखने का फैसला किया है। इसी के अनुरूप रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने ऑनलाइन प्रसारण के जरिये मौद्रिक नीति बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि केंदीय बैंक ने मौद्रिक रुख को नरम बनाये रखने का भी फैसला किया है।

एमपीसी के पांच सदस्यों ने मौद्रिक रुख को नरम रखने के पक्ष में मत दिया जबकि एक सदस्य ने इसके विरोध में मत दिया।

गवर्नर ने संकेत दिया कि केंद्रीय बैंक मौद्रिक प्रणाली में मौजूद अतिरिक्त नकदी का धीरे-धीरे समायोजन करेगा। अभी यह नौ लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि केंद्रीय बैंक ने सरकारी प्रतिभूतियों के अधिग्रहण (जीएसएपी) कार्यक्रम को रोकने का फैसला किया है। इस कदम से प्रणाली में और तरलता का प्रवाह रुकेगा। हालांकि, दास ने स्पष्ट किया कि यह कदम नरम मौद्रिक रुख को पलटने के लिए नहीं उठाया गया है।

रिजर्व बैंक ने जीएसएपी कार्यक्रम के जरिये पिछली दो तिमाहियों में 2.2 लाख करोड़ रुपये के बांड खरीदे हैं।

रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान को कायम रखा है। इसके अलावा केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि मार्च, 2022 तक मुख्य मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहेगी। पहले इसके 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान था।

दास ने कहा, ‘‘कुल मांग सुधर रही है, लेकिन इसमें सुस्ती बनी हुई है। उत्पादन अब भी महामारी-पूर्व के स्तर से कम है और पुनरुद्धार असंतुलित है।’

गवर्नर ने कहा कि मौजूदा 14 दिन की वैरिएबल रेट रिवर्स रेपो (वीआरआरआर) नीलामी को तेज किया जाएगा और अगले दो माह के दौरान नीलामी राशि को एक-दो लाख करोड़ रुपये बढ़ाया जाएगा। इससे यह दिसंबर तक छह लाख करोड़ रुपये हो जाएगी। जरूरत होने पर रिजर्व बैंक 28 दिन का वीआरआरआर पेश करने पर भी विचार कर सकता है।

केंद्रीय बैंक का इरादा प्रणाली से अधिशेष नकदी को घटाने का है। इसे चालू वित्त वर्ष के अंत तक दो-तीन लाख करोड़ रुपये पर लाया जाएगा।

गवर्नर ने कहा, ‘‘महामारी की शुरुआत के बाद से रिजर्व बैंक ने तेज और सतत पुनरुद्धार के लिए प्रणाली में पर्याप्त तरलता को कायम रखा है।’’

दास ने कहा, ‘‘अब जबकि अर्थव्यवस्था कोविड-19 के प्रभाव से उबरती दिख रही है ऐसे में बाजार भागीदारों तथा नीति निर्माताओं का मानना है कि महामारी के दौरान के उपायों से जो नकदी डाली गई थी, वित्तीय स्थिरता के मद्देनजर उसे वृहद आर्थिक घटनाक्रमों की दृष्टि से नीचे लाने की जरूरत है।’’

रिजर्व बैंक ने मार्च, 2020 से रेपो दर में कुल 1.15 प्रतिशत की कटौती की है। वहीं उससे पहले 2019 की शुरुआत से रेपो दर 1.35 प्रतिशत घटाई गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी लहर का बुरा दौर पीछे छूट चुका है और कोविड-19 टीकाकरण काफी तेज हुआ है। इससे आर्थिक गतिविधियों को सामान्य करने को लेकर भरोसा बढ़ा है। भारतीय अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार रफ्तार पकड़ रहा है।’’

इसके अलावा मौद्रिक नीति समिति ने शुक्रवार को लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) के लिए 10,000 करोड़ रुपये के विशेष दीर्घावधि के रेपो परिचालन (एलएलटीआरओ) को इस साल के अंत तक जारी रखने का भी फैसला किया है।

भाषा अजय अजय प्रणव

प्रणव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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