आरबीआई के आदेश से वार्षिक परिचालन लाभ पर 300-500 करोड़ रुपये का असर पड़ेगा: पेटीएम

आरबीआई के आदेश से वार्षिक परिचालन लाभ पर 300-500 करोड़ रुपये का असर पड़ेगा: पेटीएम

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  • Publish Date - February 1, 2024 / 09:53 AM IST,
    Updated On - February 1, 2024 / 09:53 AM IST

नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) पेटीएम पेमेंट्स बैंक की करीब सभी सेवाएं 29 फरवरी के बाद बंद करने के आरबीआई के आदेश से कंपनी के वार्षिक परिचालन लाभ पर 300-500 करोड़ रुपये का असर पड़ने की आशंका है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड साधन, वॉलेट एवं फास्टैग में 29 फरवरी 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार न करने का बुधवार को निर्देश दिया था।

यह कदम व्यापक प्रणाली ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरकी अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट के बाद उठाया गया है। इन रिपोर्ट में भुगतान बैंक में लगातार नियमों के गैर-अनुपालन और सामग्री पर्यवेक्षण से जुड़ी चिंताएं सामने आईं हैं।

पेटीएम ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया, ‘‘ इस कदम से कंपनी की वार्षिक कर पूर्व आय पर 300-500 करोड़ रुपये का असर पड़ने की आशंका है। हालांकि, कंपनी को उम्मीद है कि वह अपनी लाभप्रदता में सुधार के पथ पर आगे बढ़ती रहेगी।’’

पेटीएम ने कहा, ‘‘ ओसीएल एक भुगतान कंपनी के रूप में विभिन्न भुगतान उत्पादों पर विभिन्न बैंकों (सिर्फ पेटीएम पेमेंट्स बैंक नहीं) के साथ काम करती है। प्रतिबंध से ओसीएल ने अन्य बैंकों के साथ काम करना शुरू कर दिया। अब हम योजनाओं में तेजी लाएंगे और पूरी तरह से अन्य बैंक साझेदारों की ओर बढ़ेंगे। भविष्य में ओसीएल केवल अन्य बैंकों के साथ काम करेगा, पीपीबीएल के साथ नहीं।’’

आरबीआई ने आदेश में कहा था कि कि पेटीएम का संचालन करने वाली कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड और पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज के ‘नोडल खातों’ को 29 फरवरी से पहले जल्द-से-जल्द जल्द समाप्त किया जाना चाहिए।

वन97 कम्युनिकेशंस के पास पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है लेकिन वह इसे अपनी सहयोगी के रूप में वर्गीकृत करता है, न कि अनुषंगी कंपनी के रूप में।

आरबीआई ने कहा कि पहले किए जा चुके लेनदेन और नोडल खातों का निपटान 15 मार्च 2024 तक पूरा किया जाए तथा उसके बाद किसी और लेनदेन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इससे पहले, एनएचएआई की इकाई आईएचएमसीएल ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए फास्टैग जारी करने से रोक दिया। उसने पाया था कि पीपीबीएल सेवा-स्तर समझौते में निर्धारित मानकों का पालन नहीं कर रही है।

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