रियल एस्टेट कंपनियों को उम्मीद, सरकार के कदम से परियोजना लागत होगी कम |

रियल एस्टेट कंपनियों को उम्मीद, सरकार के कदम से परियोजना लागत होगी कम

रियल एस्टेट कंपनियों को उम्मीद, सरकार के कदम से परियोजना लागत होगी कम

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : May 23, 2022/7:05 pm IST

नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों के शीर्ष संगठन क्रेडाई और नारेडको ने इस्पात और सीमेंट की कीमतों में कमी लाने के लिए सरकार के कदमों की सराहना की है। उद्योग निकायों ने उम्मीद जताई है कि विनिर्माता इसका लाभ अपने ग्राहकों को भी देंगे।

क्रेडाई (कनफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) और नारेडको (नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल) दोनों पिछले एक साल से इस्पात और सीमेंट की कीमतों में आई तेजी का मुद्दा उठाते रहे हैं। उत्पादों की उच्च कीमतों से निर्माण लागत में वृद्धि हुई है। वहीं कई बिल्डरों ने निर्माण लागत में वृद्धि की भरपाई के लिए घरों के दाम बढ़ा दिए हैं।

क्रेडाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोदिया ने कहा, ‘‘…कच्चे माल की बढ़ती लागत को काबू में लाने के लिये सरकार का कदम सराहनीय है। इस्पात उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने के सरकार के कदम से सभी संबंधित पक्षों को राहत मिलनी चाहिए।’’

उल्लेखनीय है कि शनिवार को सरकार ने इस्पात उद्योग में उपयोग होने वाले कोकिंग कोल और फेरोनिकल समेत कुछ कच्चे माल के आयात पर लगने वाले शुल्क से राहत दी। इससे घरेलू उद्योग की लागत कम होगी और कीमतें कम होंगी। लौह अयस्क के निर्यात पर लगने वाले शुल्क को बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक और कुछ स्टील मध्यवर्ती वस्तुओं पर 15 प्रतिशत तक कर दिया गया।

पटोदिया ने कहा, ‘‘लौह अयस्क और स्टील मध्यवर्ती सामान के आयात शुल्क में कमी से घरेलू स्तर पर कच्चे माल की उपलब्ध्ता बढ़ेगी, इस्पात उत्पादों के दाम कम होंगे और परियोजनाओं की लागत को काबू में लाने में मदद मिलेगी।’’

सिग्नेचर ग्लोबल इंडिया लिमिटेड के संस्थापक और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा , “भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र मौजूदा समय में कच्चे माल की ऊंची लागत से जूझ रहा है…ऐसे में ईंधन पर उत्पाद शुल्क को कम करने के बाद लौह अयस्क और स्टील पर शुल्क कम करना एक महत्वपूर्ण कदम है।’’

उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय स्तर पर कच्चे माल की उपलब्धता बढ़ेगी। परिणामस्वरूप निर्माण लागत कम होगी।

क्रेडाई (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) के अध्यक्ष अमित मोदी ने कहा कि सरकार के लौह अयस्क और इस्पात पर निर्यात शुल्क लगाने और इसके आयात शुल्क में कमी के साथ-साथ सीमेंट की आपूर्ति बढ़ाने के कदम से रियल एस्टेट कंपनियां कीमतों को नीचे लाने में सक्षम होंगे।

रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा ने कहा, इस्पात और सीमेंट की कीमतों में वृद्धि से घरों और कार्यालयों की कीमत पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। व्यापक स्तर पर स्टील, सीमेंट या ईंधन में बढ़ती मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना आज की जरूरत है क्योंकि इससे खरीदारों की खरीद क्षमता प्रभावित होती है।’’

एसकेए समूह के निदेशक संजय शर्मा ने कहा कि लौह अयस्क और इस्पात पर निर्यात शुल्क बढ़ाने का सरकार का निर्णय सही समय पर उठाया गया कदम है। ‘‘…ये कदम देश में किफायती आवास की आकांक्षा को पूरा करने में उपयोगी होंगे।’’

इस बीच, इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईईपीसी) ने सोमवार को उम्मीद जताई कि सरकार के शुल्क से संबंधित कदमों से घरेलू बाजार में इस्पात उत्पादों की कीमतों में 10 से 15 प्रतिशत गिरावट आएगी। उल्लेखनीय है इस्पात उत्पादों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, जिसके मद्देनजर सरकार ने शुल्क के मोर्चे पर कुछ कदम उठाए हैं।

कुछ इस्पात वस्तुओं पर निर्यात शुल्क लगाने के सरकार के कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन महेश देसाई ने कहा कि इंजीनियरिंग सामान विनिर्माताओं और निर्यातकों को इस कदम से लाभ होगा और वैश्विक बाजारों में वें अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे।

देसाई ने बयान में कहा, ‘‘इस्पात निर्यातकों को लगता है कि प्राथमिक इस्पात उत्पादों की कीमतों में 10 प्रतिशत की कमी आएगी। वहीं द्वितीयक इस्पात उत्पादकों के लिए दाम 15 प्रतिशत घटेंगे।’’

भाषा रमण अजय

अजय

 

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