महामारी के दौरान केंद्र- राज्यों की भागीदारी के जरिये सुधारों को आगे बढ़ाया गया : मोदी | Reforms carried forward through Centre-State participation during epidemic: Modi

महामारी के दौरान केंद्र- राज्यों की भागीदारी के जरिये सुधारों को आगे बढ़ाया गया : मोदी

महामारी के दौरान केंद्र- राज्यों की भागीदारी के जरिये सुधारों को आगे बढ़ाया गया : मोदी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:02 PM IST, Published Date : June 22, 2021/1:36 pm IST

नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के प्रभाव से उबरने के लिए सरकार ने अलग-अलग क्षेत्रों की जरूरतों के हिसाब से आर्थिक उपाय तय किए। उन्होंने कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन के मामले में ‘सभी के लिए एक जैसा’ पैमाना नहीं अपनाया जा सकता।

मोदी ने कहा कि केंद्र-राज्य भागीदारी में पूरे विश्वास के साथ और प्रोत्साहन के जरिये हमने इन सुधारों को आगे बढ़ाया है।

सोशल मीडिया मंच लिंक्डइन पर पोस्ट में मोदी ने मंगलवार को कहा कि दुनियाभर में वित्तीय संकट के बीच भारत के राज्य 2020-21 में उल्लेखनीय रूप से अधिक ऋण जुटाने में सफल हो सके हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 2020-21 में राज्यों ने 1.06 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज जुटाया। केंद्र-राज्य भागीदारी के जरिये इतना अतिरिक्त संसाधन जुटाना संभव हो सका। ’’

मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी पूरी दुनिया की सरकारों के समक्ष नीति-निर्माण की दृष्टि से चुनौतियों के रूप में आई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत कोई अपवाद नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जन कल्याण के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाने के साथ (वित्तीय) स्थिरता को सुनिश्चित करना सबसे बड़ी चुनौती थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हमने कोविड-19 महामारी के प्रभाव से उबरने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन तैयार किए, तो यह सुनिश्चित किया कि सभी क्षेत्रों को एक ही तराजू पर न तौला जाए। उन्होंने कहा कि एक संघीय व्यवस्था वाले देश के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे नीतिगत उपाय करना जिसके जरिये राज्य सरकारें सुधारों को आगे बढ़ा सकें, काफी चुनौतीपूर्ण है।

उन्होंने लिंक्डइन पर ‘विश्वास और प्रोत्साहन’ शीर्षक के तहत कहा, ‘‘हमें अपनी संघीय नीति की मजबूती पर भरोसा था और हम केंद्र-राज्य भागीदारी की भावना के साथ आगे बढ़े। ’’

मोदी ने इस बात का जिक्र किया कि मई, 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत केंद्र ने घोषणा की कि राज्य सरकारों को 2020-21 में अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति दी जाएगी।

मोदी ने कहा कि राज्यों को राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के दो प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त कर्ज की अनुमति दी गई। इनमें से एक प्रतिशत की अनुमति कुछ आर्थिक सुधारों के क्रियान्वयन की शर्त पर थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय सार्वजनिक वित्त में सुधारों को तरह ‘धक्का देकर आगे बढ़ाना’ विरला ही है, लेकिन इसी वजह से राज्य प्रगतिशील नीतियां अपनाकर अतिरिक्त कोष जुटा पाए।’

प्रधानमंत्री ने ‘कोविड-19 के समय नवोन्मेषी नीति निर्माण’ पर लिंक्डइन पोस्ट में कहा कि यह पूरी प्रक्रिया न सिर्फ उत्साहवर्धक रही, बल्कि इसने इस धारणा को भी गलत साबित किया कि ठोस आर्थिक नीतियों को अपनाने वाले कम लोग मिलते हैं।’’

जिन चार सुधारों से ये अतिरिक्त कर्ज जीडीपी के 0.25 प्रतिशत के बराबर-बराबर जुड़ा था उनमें दो खूबियां थीं। ये सुधार जनता विशेषरूप से गरीब और कमजोर वर्ग के लिए जीवन को सुगम करने से संबंधित थे। साथ ही ये वित्तीय स्थिरता को बढ़ाने वाले थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘एक देश एक राशन कार्ड’ नीति के तहत राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना था कि राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सभी राशन कार्ड परिवार के सभी सदस्यों के आधार नंबर से जुड़े हों और सभी उचित दर दुकानों के पास इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल उपकरण हो।

उन्होंने कहा कि 17 राज्यों ने इन सुधारों को पूरा किया और उन्हें 37,600 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज की अनुमति मिली।

उन्होंने कहा कि दूसरा सुधार कारोबार सुगमता से संबंधित था। इसके तहत राज्यों को सात कानूनों के तहत कारोबार से संबंधित लाइसेंस के नवीकरण को स्वचालित, ऑनलाइन करना था। एक अन्य जरूरत कंप्यूटरीकृत निरीक्षण प्रणाली थी। उन्होंने कहा कि 20 राज्यों ने इन सुधारों को पूरा किया और उन्हें 39,521 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति मिली।

मोदी ने कहा कि तीसरा सुधार राज्यों द्वारा संपत्ति कर तथा पानी और सीवरेज शुल्क की दरों को अधिसूचित करने से संबंधित था। इन सुधारों को पूरा करने वाले 11 राज्यों को 15,957 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति दी गई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चौथा सुधार किसानों को मुफ्त बिजली आपूर्ति के बदले प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) को शुरू करना था। इसके तहत राज्यस्तर की योजना बनाई जानी थी। इसमें साल के अंत तक एक जिले में पायलट आधार पर इसका वास्तविक क्रियान्वयन होना था। इस सुधार से जीएसडीपी के 0.15 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त कर्ज जुड़ा था।

मोदी ने कहा कि 13 राज्यों ने इसमें कम से कम एक बात को पूरा किया, जबकि छह राज्यों ने डीबीटी के हिस्से लागू किया। इससे उन्हें 13,201 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज जुटाने की अनुमति दी गई।

उन्होंने लिखा कि कुल 23 राज्यों को 1.06 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज मिला। इसमें राज्यों के लिए कुल 2.14 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त संसाधन जुटाने की संभावना थी।

सुधारों के बारे में मोदी ने कहा कि भारत ने पहले ऐसा मॉडल देखा था जिसमें सुधार ‘गुप-चुप या मजबूरी’ में किए जाते रहे। अब सुधारों का नया मॉडल है ‘ विश्वास और प्रोत्साहन के माध्यम से सुधार’ का मॉडल। प्रधानमंत्री ने लिखा है ‘ हम 130 करोड़ भारतीयों की तरक्की के लिए मिल कर काम करते रहेंगे।’

भाषा अजय अजय मनोहर

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