कोविड-19 के जोखिमों से निपटने के सुधारों से वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा : रिपोर्ट

कोविड-19 के जोखिमों से निपटने के सुधारों से वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा : रिपोर्ट

कोविड-19 के जोखिमों से निपटने के सुधारों से वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा : रिपोर्ट
Modified Date: November 29, 2022 / 07:46 pm IST
Published Date: October 4, 2020 12:38 pm IST

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) कोविड-19 महामारी से जुड़े जोखिमों से निपटने के लिए सरकार द्वारा किए गए महत्वपूर्ण संरचनात्मक सुधारों से देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत होगी और इससे दीर्घावधि की वृद्धि सुनिश्चित होगी। वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की मासिक आर्थिक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सभी अंशधारकों ने उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाकर अनुकूल नीतिगत वातावरण और पहल पेश की हैं, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि की क्षमता बेहतर हो सकेगी।’’

रिपोर्ट कहती है कि संक्रमण के लगतार प्रसार से लघु से मध्यम अवधि में वृद्धि दर के नीचे की ओर जाने का जोखिम है। इसी के मद्देनजर सरकार ने रणनीतिक तरीके से विभिन्न क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाया है।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि 17 से 30 सितंबर तक 14 दिन के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत कोविड-19 के मामलों में संभवत: अपने ‘पीक’ को पार कर गया है। इस अवधि में रोजाना के संक्रमण वाले मामलों का सात दिन का औसत 93,000 प्रतिदिन से घटकर 83,000 प्रतिदिन पर आ गया है। वहीं इस दौरान रोजाना जांच का औसत 1,15,000 से बढ़कर 1,24,000 पर पहुंच गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी महामारी गई नहीं है, लेकिन अखिल भारतीय स्तर पर मामलों की संख्या में कमी से अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए मोर्चों को आगे बढ़ाने का मंच तैयार हो चुका है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि बाजारों, श्रम कानूनों तथा एमएसएमई की परिभाषा संबंधी प्रमुख संरचनात्मक सुधारों से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम क्षेत्र के समक्ष वृद्धि और समृद्ध होने का अवसर पैदा हुआ है। इससे यह क्षेत्र प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रों में रोजगार सृजन में योगदान दे सकता है।

रिपोर्ट कहती है कि इसी तरह से ऐतिहासिक श्रम सुधरों से एमएसएमई क्षेत्र को रोजगार सृजन, श्रम उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिसेस अंतत: इस क्षेत्र में वेतन बढ़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र के सुधार काफी समय से लंबित थे। मौजूदा कानून किसानों को स्थानीय मंडियों से बांधकर रखने वाले थे।

रिपोर्ट कहती है कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज तथा अर्थव्यवस्था को अनलॉक किए जाने से देश में अर्थव्यवस्था में सुधार तेज हुआ है।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर


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