‘सुधार’ रहेंगे आगामी दशकों में भारत के प्रदर्शन की बुनियाद : चंद्रशेखरन

‘सुधार’ रहेंगे आगामी दशकों में भारत के प्रदर्शन की बुनियाद : चंद्रशेखरन

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  • Publish Date - December 16, 2022 / 12:44 PM IST,
    Updated On - December 16, 2022 / 12:44 PM IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन का मानना है कि आगामी दशकों में सुधार एक प्रमुख स्तंभ होगा, जो भारत के प्रदर्शन की बुनियाद को आगे बढ़ाएगा।

चंद्रशेखरन ने शुक्रवार को उद्योग मंडल फिक्की के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपनी आजादी के 100वें वर्ष में 25,000 से 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद कर सकता है, वहीं इसके साथ यह भी जरूरी हो जाता है कि भविष्य को लाभ सभी को मिलें, चाहे वह संगठित क्षेत्र का श्रमिक हो या खेतीहर मजदूर अथवा महिला।

चंद्रशेखरन ने कहा कि सरकार ने महामारी से पहले और बाद में कई सुधार किए हैं, जिसने 2047 में भारत के लिए एक नई दृष्टिकोण की मजबूत नींव रखी है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगले कुछ दशकों में भारत वृद्धि का एक बड़ा अवसर उपलब्ध कराएगा। इसके साथ ही यह भी याद रखना चाहिए कि भारत ने पिछले कुछ साल में कई सुधारों को आगे बढ़ाया है।

चंद्रशेखरन ने कहा कि महामारी से पहले सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी), दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी), मुद्रास्फीति को लक्ष्य करने का ढांचा, कॉरपोरेट कर की दर में कमी और बैंकों के बही-खाते के मुद्दे को हल करने के कदम उठाए हैं।

टाटा संस के प्रमुख ने कहा कि महामारी के बाद से संरचनात्मक सुधारों की रफ्तार बढ़ी है। उन्होंने इसके लिए श्रम सुधारों, पीएम गति शक्ति और राष्ट्रीय संपत्ति मौद्रीकरण योजना, उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई), छोटे व्यवसायों के लिए ऊंची निवेश सीमा, बिजली क्षेत्र के सुधार तथा आक्रामक विनिवेश लक्ष्य का उल्लेख किया।

चंद्रशेखरन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने सामाजिक क्षेत्र में नतीजे हासिल करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। विशेष रूप से विद्युतीकरण, बैंक खातों, स्वास्थ्य बीमा, स्वच्छता और संपर्क जैसी बुनियादी सुविधाओं की पहुंच बढ़ाई गई है।

चंद्रशेखरन ने कहा कि लाखों लोगों को गरीबी से निकाला गया है, वहीं स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति भी बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि देश ने दुनिया के सबसे सफल कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया है।

भाषा अजय अजय

अजय