मछुआरों, किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाने में सक्षम बनायें अनुसंधान संस्थान: राजीव रंजन सिंह

मछुआरों, किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाने में सक्षम बनायें अनुसंधान संस्थान: राजीव रंजन सिंह

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  • Publish Date - February 12, 2025 / 09:41 PM IST,
    Updated On - February 12, 2025 / 09:41 PM IST

नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने बुधवार को अनुसंधान संस्थानों से मछुआरों और किसानों को जमीनी स्तर पर वैज्ञानिक पद्धतियों को व्यापक रूप से अपनाने के लिए सक्षम बनाने को कहा।

सिंह ने यहां पूसा परिसर में 14वें एशियाई मत्स्य पालन और जलीय कृषि फोरम (एएफएएफ) को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार टिकाऊ मत्स्य पालन के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने देश में मत्स्य पालन के विकास में तकनीकी पेशकशों और योगदान के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की सराहना की।

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा, ‘‘अनुसंधान संस्थानों को मछुआरों और किसानों द्वारा वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाने के स्तर में सुधार के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों को शामिल करते हुए क्षमता निर्माण पहल करनी चाहिए।’’

मंत्री ने कहा कि भारत समुद्र में मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय डिजिटल मत्स्य पालन मंच और पोत निगरानी, ​​ट्रांसपोंडर और आपातकालीन अलर्ट जैसे अत्याधुनिक डिजिटल समाधानों को लागू कर रहा है।

उन्होंने यह भी बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना का विस्तार मछुआरों और मछली पालकों तक किया गया है तथा मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए विभिन्न बीमा योजनाएं भी शुरू की गई हैं।

मंत्री ने 14वें एएफएएफ एक्सपो का भी उद्घाटन किया, जिसमें राज्य मत्स्य पालन विभागों, शिक्षाविदों, अनुसंधान संस्थानों और उद्योग के अंशधारकों को तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन करने के लिए एक साथ लाया गया।

आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक ने कहा कि परिषद द्वारा 75 नई मत्स्य पालन प्रौद्योगिकियां और उन्नत मछली किस्में विकसित की गई हैं।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण