कृषि मजदूरों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में छह प्रतिशत, ग्रामीण मजदूरों के लिए 5.86 प्रतिशत हुई

कृषि मजदूरों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में छह प्रतिशत, ग्रामीण मजदूरों के लिए 5.86 प्रतिशत हुई

कृषि मजदूरों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में छह प्रतिशत, ग्रामीण मजदूरों के लिए 5.86 प्रतिशत हुई
Modified Date: November 29, 2022 / 08:08 pm IST
Published Date: December 18, 2020 12:51 pm IST

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) कृषि मजदूरों और ग्रामीण मजदूरों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर क्रमश: छह प्रतिशत और 5.86 प्रतिशत रह गई। महंगाई की दर में यह कमी मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं की कीमत में कमी के चलते हुई।

श्रम मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, ‘‘सीपीआई-एएल (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक – कृषि मजदूर) और सीपीआई-आरएल (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक – ग्रामीण मजदूर) पर आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर 2020 की तुलना में नवंबर 2020 में घटकर क्रमश: छह प्रतिशत और 5.86 प्रतिशत रही।’’

पिछले साल नवंबर में कृषि मजदूरों और ग्रामीण मजदूरों के लिए खुदरा महंगाई क्रमश: 9.41 प्रतिशत और 9.23 प्रतिशत थी।

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सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल की खाद्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में क्रमश: 6.88 प्रतिशत और 7.06 प्रतिशत रही। यह आंकड़ा पिछले साल नवंबर में क्रमश: 12.03 प्रतिशत और 11.85 प्रतिशत था।

श्रम मंत्रालय के तहत आने वाले लेबर ब्यूरो हर महीने सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल के आंकड़े जारी करता है। इन आंकड़ों के आधार पर ही न्यूनतम मजदूरी, मनरेगा की मजदूरी, न्यूनतम समर्थन मूल्य और मध्यान्ह भोजन योजना की लागत तय की जाती है।

भाषा पाण्डेय मनोहर

मनोहर


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