नयी दिल्ली आठ सितंबर (भाषा) सरकार की ओर से उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए आवंटन खर्च को घटाकर लगभग 26,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस तरह के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल से जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
पिछले वर्ष सरकार ने ऑटोमोबाइल और वाहन कलपुर्जे बनाने वाले क्षेत्र के लिए पांच साल के लिए 57,043 करोड़ रुपये के खर्च की घोषणा की थी।
सूत्रों ने खर्च को संशोधित कर 25,938 करोड़ रुपये करने की वजह का खुलासा तो नहीं किया लेकिन कहा कि अब बैटरी चालित इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन ईंधन वाले वाहनों की बिक्री पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
सूत्रों में से एक ने कहा कि मंत्रिमंडल अगले सप्ताह इस संशोधित प्रस्ताव पर विचार कर सकता है। इस योजना के तहत जिन कलपुर्जों को शामिल किए जाने की उम्मीद है उनमें ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन असेंबली, इलेक्ट्रॉनिक पावर स्टीयरिंग सिस्टम, सेंसर, सुपर कैपेसिटर, सनरूफ, एडेप्टिव फ्रंट लाइटिंग, ऑटोमैटिक ब्रेकिंग, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम और कोलिजन वार्निंग सिस्टम शामिल हैं।
ऑटो उद्योग निकाय सियाम ने इससे पहले कहा था कि सरकार की तरफ से इस योजना की घोषणा उद्योग में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगी और इस क्षेत्र के विकास को अगले स्तर तक ले जाएगी।
यह योजना इस उद्योग के 13 क्षेत्रों के लिए केंद्रीय बजट 2021-22 में घोषित समग्र उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों का हिस्सा है।
भाषा जतिन महाबीर
महाबीर
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