Gold Hallmarking pure gold jewelery : बदल गया नियम, आज से मिलेगी सिर्फ शुद्ध गोल्ड ज्वेलरी! Gold Hallmarking लागू, सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट गोल्ड की होगी बिक्री

Gold Hallmarking pure gold jewelery : बदल गया नियम, आज से मिलेगी सिर्फ शुद्ध गोल्ड ज्वेलरी! Gold Hallmarking लागू, सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट गोल्ड की होगी बिक्री

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  • Publish Date - June 16, 2021 / 03:57 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:48 PM IST

Gold Hallmarking pure gold jewelery 

नई दिल्ली। आज से देश में गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य हो गई है। यानी आज से आप किसी भी दुकान से सोना खरीदने जाएंगे तो आपको सिर्फ हॉलमार्क का ही सोना मिलेगा। इसकी सबसे खास बात यह है कि सोने पर लिखा होगा कि यह कितने कैरेट का है। बीआईएस के अनुसार, अनिवार्य हॉलमार्किंग से आम लोगों को फायदा होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि उपभोक्ता सोने के गहने खरीदते समय धोखा न खाएं और और उन्हें आभूषणों पर अंकित शुद्धता के अनुसार ही आभूषणों की प्राप्ति हो। 

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कैसे होगी सोने की पहचान?
अगर कोई भी ज्वैलर बिना हॉलमार्किंग के गोल्ड ज्वैलरी बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एक साल की जेल के अतिरिक्त उस पर गोल्ड ज्वैलरी की वैल्यू की पांच गुना तक पेनल्टी भी लगाई जा सकती है। हर कैरेट के सोने के लिए हॉलमार्क नंबर अंकित किए जाते हैं। ज्वैलर्स की ओर से 22 कैरेट के लिए 916 नंबर का इस्तेमाल किया जाता है। 18 कैरेट के लिए 750 नंबर का इस्तेमाल करते हैं और 14 कैरेट के लिए 585 नंबर का उपयोग किया जाता है। इन अंकों के जरिए आपको पता चल जाएगा कि सोना कितने कैरेट का है।

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घर में रखे सोने का क्या होगा? 
गोल्ड हॉलमार्किंग का नियम लागू होने के बाद से कई लोगों के मन में यह सवाल है कि जो सोना उनके  घर पर पड़ा है, उसका क्या होगा और उसकी बिक्री कैसे होगी। बता दें कि गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम के लागू होने का घर में रखे सोने की ज्वैलरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। आज अपने घर में सोना आसानी से रख सकते हैं। यानी इससे पुरानी ज्वैलरी बिक्री करने पर भी कोई असर नहीं होगा। आप पहले की ही तरह उसे ज्वैलर्स के यहां बेच सकते हैं। यह नियम ज्वैलर्स के लिए है। वे बिना हॉलमार्क के सोना नहीं बेच पाएंगे।

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पहले एक जून थी डेडलाइन
सरकार द्वारा स्वर्ण आभूषणों, कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश इसी साल 15 जनवरी को जारी किया गया था, लेकिन गैर-हॉलमार्क वाले आभूषणों के पुराने स्टॉक को हटाने के लिए अंतिम तिथि एक जून 2021 तक बढ़ा दी गई थी। लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते इसकी समयावधि में 15 दिन का इजाफा किया गया था। 

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मिलेगा सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट वाला सोना
गोल्ड हॉलमार्किंग ( Gold Hallmarking ) सोने की शुद्धता का एक सर्टिफिकेट है। आज से सभी ज्वैलर्स को सिर्फ 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट वाले गोल्ड की बिक्री की ही इजाजत है। बीआईएस अप्रैल 2000 से गोल्ड हॉलमार्किंग की स्कीम चला रही है। मौजूदा समय में सिर्फ 40 फीसदी ज्वैलरी की ही हॉलमार्किंग हुई है। ज्वैलर्स की सुविधा के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को ऑनलाइन और ऑटोमैटिक कर दिया गया है। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) के मुताबिक भारत में करीब चार लाख ज्वैलर्स हैं, जिनमें से 35,879 बीआईएस सर्टिफाइड हैं।