Rupee At All-Time Low: रिकॉर्ड व्यापार घाटे के बीच अब हांफने लगा रुपया, भारतीय करेंसी में इतनी गिरावट, जानिए क्या है वजह?
रिकॉर्ड व्यापार घाटे के बीच अब हांफने लगा रुपया, भारतीय करेंसी में इतनी गिरावट, Rupee falls against dollar amid record trade deficit
Rupee At All-Time Low. Image Source- File
नई दिल्लीः Rupee At All-Time Low रिकॉर्ड व्यापार घाटे के बाद अब भारतीय मुद्रा हांफने लगा है। व्यापार घाटे के बाद रुपये में ऐतिहासिक गिरावट देखी जा रही है। ताजा वैल्यू की बात करें तो एक डॉलर के मुकाबले रुपये का वैल्यू घटकर पहली बार 84.93 रुपये के लेवल पर आ गया है। तुलनात्मक अध्यन करें तो रुपया छह पैसे कमजोर हुआ है। डॉलर के और मजबूत होने की संभावना है। चूकि अमेरिका में ट्रंप की नई सरकार अमेरिका में आने वाले विदेशी वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगा सकती है जिससे आयातित वस्तुएं खरीदना महंगा हो जाएगा। ऐसे में ब्याज दरों के घटने की संभावना कम हो जाएगी तो डॉलर और मजबूत हो सकता है।
Rupee At All-Time Low बता दें कि नवंबर महीने में भारत का व्यापार घाटा ऑलटाइम निचले लेवल पर आ गया है। नवंबर 2024 में व्यापार घाटा पिछले सभी रिकॉर्ड्स को तोड़ते हुए 37.84 अरब डॉलर रहा है। इस महीने में इंपोर्ट में आई तेज उछाल के चलते व्यापार घाटा बढ़ा है तो दूसरी तरफ एक्सपोर्ट्स में भी गिरावट दर्ज की गई है। नवंबर महीने में भारत ने 14.8 अरब डॉलर का गोल्ड इंपोर्ट किया है। इसके अलावा खाने के तेल, फर्टिलाइजर और चांदी का भी आयात बढ़ा है जिससे व्यापार घाटे में इजाफा आया है और रुपये को इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है।
विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट
रुपये में कमजोरी को थामने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक लगातार डॉलर की बिकवाली करता रहा है जिससे रुपये को थामा जा सके। 27 सितंबर 2024 को खत्म हुए सप्ताहके बाद से आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 50 अरब डॉलर की गिरावट आई है। इसकी बड़ी वजह अक्टूबर-नवंबर महीने में भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों बिकवाली है तो दूसरा बड़ा कारण आरबीआई की ओर रुपये को थामने के लिए बेचा गया डॉलर शामिल है।
प्वाइंट्स के जरिए समझे पूरी खबर
1. भारतीय रुपये की गिरावट की मुख्य वजह क्या है?
भारतीय रुपये की गिरावट का मुख्य कारण देश का रिकॉर्ड व्यापार घाटा है, जिसमें नवंबर 2024 में 37.84 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ। इसके अलावा, गोल्ड, खाने का तेल, फर्टिलाइजर और चांदी का आयात बढ़ने से भी व्यापार घाटा बढ़ा है, जिससे रुपये में कमजोरी आई है।
2. रुपये की कीमत अब कितनी हो गई है?
रुपया अब डॉलर के मुकाबले 84.93 रुपये पर आ गया है, जो कि अब तक का सबसे निचला स्तर है।
3. व्यापार घाटे के कारण भारतीय रुपये पर क्या प्रभाव पड़ा है?
भारत के व्यापार घाटे में वृद्धि ने विदेशी मुद्रा का दबाव बढ़ा दिया है, जिससे रुपये में गिरावट आई है। इसके कारण भारतीय रिजर्व बैंक को रुपये को थामने के लिए डॉलर की बिकवाली करनी पड़ी।
4. रुपये की गिरावट पर भारतीय रिजर्व बैंक का क्या कदम है?
भारतीय रिजर्व बैंक रुपये की गिरावट को थामने के लिए लगातार डॉलर की बिकवाली कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद रुपये में कमजोरी बनी हुई है।
5. डॉलर की ताकत बढ़ने के कारण क्या हो सकता है?
डॉलर की ताकत बढ़ने का कारण अमेरिका में विदेशी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ने की संभावना है, जिससे आयातित वस्तुएं महंगी हो सकती हैं और ब्याज दरें घटने की संभावना कम हो जाएगी। इसके चलते डॉलर और मजबूत हो सकता है।

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