मुंबई, तीन दिसंबर (भाषा) विदेशी कोषों की लगातार निकासी और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के बीच अंतरबैंक विदेशी मद्रा विनिमय बाजार में रुपया बुधवार को पहली बार 90 प्रति डॉलर के नीचे लुढ़क गया तथा यह 19 पैसे टूटकर 90.15 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो इसका सर्वकालिक निचला स्तर है।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों के मुताबिक, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर अनिश्चितता कायम रहने और डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट थामने के लिए रिजर्व बैंक के आगे न आने से स्थानीय मुद्रा रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई।
अंतरबैंक विदेशी मद्रा विनिमय बाजार में रुपये ने कारोबार की शुरुआत 89.96 के स्तर पर की। दिन के कारोबार के दौरान यह फिसलकर रिकॉर्ड निचले स्तर 90.30 प्रति डॉलर तक आ गया। कारोबार के अंत में रुपया 90.15 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले कारोबारी सत्र के मुकाबले 19 पैसे की गिरावट को है।
मंगलवार को भी रुपये में 43 पैसे की कमजोरी आई थी और वह 89.96 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था। इस गिरावट की वजह सटोरियों द्वारा डॉलर की कमी को पूरा करने के लिए अमेरिकी मुद्रा की भारी लिवाली करना और आयातकों की जबर्दस्त डॉलर मांग थी।
बुधवार को एक कार्यक्रम में मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि रुपये में गिरावट को लेकर सरकार चिंतित नहीं है।
उन्होंने कहा कि गिरते रुपये का मुद्रास्फीति या निर्यात पर कोई असर नहीं पड़ रहा है और उम्मीद जताई कि अगले साल इसमें सुधार होना चाहिए।
गिरावट पर टिप्पणी करते हुए, एसबीआई के आर्थिक अनुसंधान विभाग की शोध रिपोर्ट में कहा गया है, फिसलता रुपया, कमजोर रुपया नहीं है, भले ही यह 90 के मनोवैज्ञानिक अवरोध को तोड़ रहा है।
विदेशी मुद्रा विश्लेषकों ने भारतीय मुद्रा में गिरावट के लिए विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयरों की जोरदार बिकवाली को जिम्मेदार ठहराया है।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक, अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘विदेशी निवेशकों की बिकवाली के दबाव और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बीच रुपया 90.30 के नए निचले स्तर पर पहुंच गया। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की घोषणा पर अनिश्चितता ने भी रुपये पर असर डाला है। हालांकि, कमजोर अमेरिकी डॉलर सूचकांक ने तेज गिरावट को रोक दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि लगातार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के कारण रुपया थोड़ा नकारात्मक पूर्वाग्रह के साथ कारोबार करेगा। हालांकि, कमजोर डॉलर और दिसंबर में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की बढ़ती संभावना, रुपये को निचले स्तर पर समर्थन दे सकती है।’’
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक ने रुपये को आसानी से 90 के पार जाने की इजाजत दे दी और केन्द्रीय बैंक के कदम उठाने से पहले यह 90.30 तक गिर गया।’’
चौधरी ने कहा कि डॉलर-रुपये का हाजिर भाव 89.80 से 90.50 के बीच रहने की संभावना है।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.20 प्रतिशत गिरकर 99.16 पर रहा।
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा भी 0.91 प्रतिशत टूटकर 63.02 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
घरेलू शेयर बाजार में बुधवार को कमजोरी रही। सेंसेक्स 31.46 अंक गिरकर 85,106.81 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 46.20 अंक टूटकर 25,986 अंक पर आ गया।
विदेशी संस्थागत निवेशक बाजार में शुद्ध बिकवाल थे। उन्होंने बुधवार को शुद्ध रूप से 3,206.92 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की।
भाषा राजेश राजेश अजय
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