कुछ सरकारी बैंकों की बचत जमा दरें ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर: आरबीआई बुलेटिन

कुछ सरकारी बैंकों की बचत जमा दरें ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर: आरबीआई बुलेटिन

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  • Publish Date - July 27, 2025 / 03:50 PM IST,
    Updated On - July 27, 2025 / 03:50 PM IST

मुंबई, 27 जुलाई (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा बुलेटिन के अनुसार 2011 में विनियमन मुक्त होने के बाद से सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों (पीएसबी) की बचत जमा दरें ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर हैं।

पीएसबी और निजी क्षेत्र के बैंकों, दोनों की नई जमाओं के लिए भारित औसत घरेलू सावधि जमा दरों में उल्लेखनीय गिरावट आई है।

आरबीआई के जुलाई बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है, ‘‘इस समय सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों की बचत जमा दरें 2011 में विनियमन मुक्त होने के बाद से ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर हैं।’’

आरबीआई ने अक्टूबर, 2011 में बचत बैंक जमा ब्याज दर को विनियमन मुक्त कर दिया था, और बैंकों को अपनी इच्छानुसार ब्याज दर निर्धारित करने की अनुमति दी थी।

सरकार ने चालू सितंबर तिमाही के दौरान लघु बचत योजनाओं की दरों में कोई बदलाव नहीं किया था।

लेख में कहा गया है कि इन माध्यमों पर प्रचलित दरें फॉर्मूला आधारित दरों से 0.33 से 1.18 प्रतिशत तक अधिक हैं।

इसमें आगे कहा गया कि फरवरी, 2025 से नीतिगत रेपो दर में एक प्रतिशत की कमी के जवाब में बैंकों ने अपनी रेपो से जड़ी बाहरी बेंचमार्क आधारित उधार दरों में एक प्रतिशत की कमी की। इसके साथ ही कोष की सीमांत लागत आधारित ऋण दर में 0.1 प्रतिशत की कमी की गई।

ऐसे में वाणिज्यिक बैंकों के नए और बकाया रुपया ऋणों पर भारित औसत कर्ज दरें फरवरी-मई, 2025 के दौरान क्रमशः 0.26 प्रतिशत और 0.18 प्रतिशत कम हुईं।

इस अवधि में नई और बकाया जमाओं पर भारित औसत घरेलू सावधि जमा दरें क्रमशः 0.51 प्रतिशत और दो प्रतिशत तक कम हुईं।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय