एसबीआई का शुद्ध लाभ तीसरी तिमाही में 84 प्रतिशत बढ़कर 16,891 करोड़ रुपये पर

एसबीआई का शुद्ध लाभ तीसरी तिमाही में 84 प्रतिशत बढ़कर 16,891 करोड़ रुपये पर

एसबीआई का शुद्ध लाभ तीसरी तिमाही में 84 प्रतिशत बढ़कर 16,891 करोड़ रुपये पर
Modified Date: February 6, 2025 / 07:07 pm IST
Published Date: February 6, 2025 7:07 pm IST

मुंबई, छह फरवरी (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बृहस्पतिवार को बताया कि चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 84 प्रतिशत बढ़कर 16,891 करोड़ रुपये हो गया।

एसबीआई का एकल शुद्ध लाभ एक साल पहले की समान अवधि में 9,164 करोड़ रुपये था। इस दौरान पेंशन देनदारियों के लिए 7,100 करोड़ रुपये के एकमुश्त प्रावधान किया गया था। इसके कारण कम आधार के चलते दिसंबर 2024 तिमाही में बैंक का मुनाफा अधिक बढ़ा।

बैंक ने पिछली सितंबर तिमाही में 18,331 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था।

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ऋणों में 14 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद मुख्य शुद्ध ब्याज आय सालाना चार प्रतिशत बढ़कर 41,446 करोड़ रुपये हो गई। शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) के 0.19 प्रतिशत घटकर 3.15 प्रतिशत रहने से यह प्रभावित हुई।

बैंक के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने शुद्ध ब्याज मार्जिन प्रभाव के लिए ग्राहकों की प्राथमिकताओं में आए बदलाव को जिम्मेदार ठहराया, जिसमें धनराशि कम लागत वाले चालू और बचत खातों के बजाय उच्च प्रतिफल वाले सावधि जमा में जमा की जा रही है।

उन्होंने कहा कि जमा की लागत स्थिर हो गई है या चरम पर पहुंच गई है, और एनआईएम तीन प्रतिशत से नीचे नहीं जाएगी।

उन्होंने कहा कि सीएएसए की हिस्सेदारी बढ़ाना मुश्किल लगता है, जो तिमाही के दौरान 39.2 प्रतिशत तक गिर गई।

शेट्टी ने कहा, ”मेरे विचार से बचत के तरीकों में परिवर्तन आया है, जो अब बदलेगा नहीं। निवेश से बचत की ओर कुछ रुख होगा, लेकिन मोटे तौर पर मुझे लगता है कि निवेश की संस्कृति और बचत के मुकाबले कुछ अच्छा प्रतिफल पाने की चाह बनी रहेगी।”

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दर में कटौती की संभावना के बारे में पूछने पर शेट्टी ने कहा कि इस तरह के कदम से एसबीआई की स्थिति पर सीमित प्रभाव पड़ता है, क्योंकि बैंक के केवल 28 प्रतिशत अग्रिम बाहरी मानक से जुड़े हैं। बाकी ऋण निश्चित या सीमांत उधार आधारित दरों (एमसीएलआर) पर आधारित हैं।

समीक्षाधीन अवधि में बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ 18,853 करोड़ रुपये रहा, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 11,064 करोड़ रुपये था।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण


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