एमएसएमई निर्यातकों को नए बाजारों में माल पंजीकृत कराने में मदद करने की योजना पर विचार जारी:गोयल |

एमएसएमई निर्यातकों को नए बाजारों में माल पंजीकृत कराने में मदद करने की योजना पर विचार जारी:गोयल

एमएसएमई निर्यातकों को नए बाजारों में माल पंजीकृत कराने में मदद करने की योजना पर विचार जारी:गोयल

Edited By :  
Modified Date: June 10, 2025 / 10:42 AM IST
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Published Date: June 10, 2025 10:42 am IST

(राजेश राय)

(तस्वीर के साथ)

बर्न (स्विट्जरलैंड ), 10 जून (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार निर्यातकों, खासकर सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) को नए बाजारों में नए उत्पादों के पंजीकरण के लिए वित्त पोषण की योजना तैयार करने पर विचार कर रही है जिसका उद्देश्य देश के निर्यात को बढ़ावा देना है।

उन्होंने कहा कि ऐसे पंजीकरण की पूरी लागत सरकार द्वारा वहन की जाएगी।

गोयल ने नौ जून को यहां भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ मैं एक ऐसी योजना लाने के बारे में सोच रहा हूं जिसके तहत किसी भी सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) के किसी भी नए उत्पादों को दुनिया में कहीं भी नए बाजारों व नए निर्यातकों के लिए पंजीकृत कराने का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।’’

मंत्री, स्विट्जरलैंड के नेताओं और कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के लिए आधिकारिक यात्रा पर यहां पहुंचे हैं। इसका यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देना है।

इस योजना के निर्यात संवर्धन मिशन (ईपीएम) का हिस्सा होने की उम्मीद है, जिसकी घोषणा बजट में की गई थी।

इसमें एमएसएमई के लिए आसान ऋण योजनाएं, ई-कॉमर्स निर्यातक, विदेशों में गोदाम की सुविधा और वैश्विक ब्रांडिंग पहल सहित 12 घटक शामिल हो सकते हैं ताकि उभरते निर्यात अवसरों का लाभ उठाया जा सके एवं छोटे व्यवसायों के लिए व्यापार माध्यमों को मजबूत किया जा सके।

देश का वस्तुओं एवं सेवाओं का कुल निर्यात 2024-25 में बढ़कर 825 अरब डॉलर हो गया है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 778 अरब डॉलर था। देश के निर्यात में एमएसएमई की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से अधिक है।

इसके अलावा, उन्होंने भारतीय उद्योग से मूल्यवर्धित वस्तुओं के निर्यात पर ध्यान केंद्रित करने एवं ब्रांड निर्माण तथा विपणन के लिए अभियान चलाने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं आपसे आग्रह करूंगा कि आप सरकार द्वारा ब्रांड निर्माण में (निर्यातकों को) सहायता देने तथा दुनिया भर में पंजीकरण प्राप्त करने के लिए विचार पेश करें।’’

गोयल ने सुझाव दिया, ‘‘ हम बहुत सारा चावल निर्यात करते हैं, क्या हम इस बात पर विचार कर सकते हैं कि उन निर्यातों का मूल्यवर्धन कैसे किया जाए। हमें उत्पादों की ब्रांडिंग करनी होगी, क्या हम ऐसा अभियान चला सकते हैं, क्या हम भारतीय चावल या भारत में उगाए गए चावल के विपणन के लिए संयुक्त अभियान चला सकते हैं।’’

मंत्री ने साथ ही कहा कि भारतीय निर्यातकों को अधिक बाजार पहुंच प्रदान करने के लिए भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों के साथ कई मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं और उन्हें लागू किया है।

उन्होंने बताया कि ओमान, न्यूजीलैंड और यूरोपीय संघ (ईयू) सहित अन्य देशों के साथ एफटीए को लेकर सक्रिय बातचीत जारी है।

संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारत का एफटीए घरेलू उद्योग को खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और मध्य यूरोप में प्रवेश करने में मदद करता है। इसी तरह का समझौता ब्रिटेन और चार यूरोपीय राष्ट्र ब्लॉक ईएफटीए के साथ भी किया गया।

गोयल ने कहा, ‘‘ मुझे यकीन है कि यूरोपीय संघ बहुत जल्द इसमें शामिल हो जाएगा, इसलिए डेढ़ साल की छोटी सी अवधि में हम उन सभी प्रमुख यूरोपीय देशों के साथ एफटीए कर लेंगे जिनके साथ हम व्यापार करना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा कि ब्राजील भारत-मर्कोसुर व्यापार समझौते पर बातचीत फिर से शुरू करना चाहता है।

दक्षिण अमेरिकी ब्लॉक, ‘मर्कोसुर’ लैटिन अमेरिका में एक व्यापारिक समूह है जिसमें ब्राजील, अर्जेंटीना, उरुग्वे और पराग्वे शामिल हैं।

गोयल ने कहा कि दक्षिण अमेरिकी ब्लॉक के साथ भारत का तरजीही व्यापार समझौता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम चिली और पेरू के साथ भी बातचीत कर रहे हैं।’’

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)