सेबी जिंस बाजारों में संस्थागत भागीदारी बढ़ाने पर कर रहा विचार
सेबी जिंस बाजारों में संस्थागत भागीदारी बढ़ाने पर कर रहा विचार
नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने बृहस्पतिवार को कहा कि बाजार नियामक कृषि और गैर-कृषि जिंस बाजारों में संस्थागत भागीदारी बढ़ाने पर विचार कर रहा है ताकि उन्हें जोखिम प्रबंधन उपायों के लिए और अधिक आकर्षक बनाया जा सके।
पांडेय ने ब्लूमबर्ग फोरम फॉर इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट में कहा कि भारत के कृषि और गैर-कृषि जिंस बाजारों को मजबूत करना सेबी के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बाजार को हेजिंग (जोखिम प्रबंधन उपाय) के लिए और अधिक आकर्षक बनाने को लेकर संस्थागत भागीदारी बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं।’’
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख ने यह भी कहा, ‘‘हमारे नकद इक्विटी बाजार को व्यापक बनाने और वायदा बाजार में सुधार करना हमारी प्राथमिकता है।’’
पांडेय ने पिछले महीने कहा था कि सेबी बैंकों, बीमा कंपनियों और पेंशन कोषों को गैर-कृषि जिंस वायदा बाजारों में निवेश करने की अनुमति देने के लिए सरकार के साथ ‘बातचीत’ करेगा।
उन्होंने कहा था कि पूंजी बाजार नियामक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को गैर-नकद निपटान वाले, गैर-कृषि जिंस वायदा एवं विकल्प अनुबंधों में व्यापार करने की अनुमति देने के प्रस्ताव पर भी विचार कर रहा है।
साथ ही, सेबी प्रमुख ने कहा कि नियामक ने कंपनी बॉन्ड बाजार को मजबूत बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं, जिससे यह जारीकर्ताओं और निवेशकों, दोनों के लिए अधिक सुलभ हो गया है।
उन्होंने कहा कि नियामक इस क्षेत्र को मजबूत करने की एक अन्य पहल के रूप में बॉन्ड डेरिवेटिव पर भी विचार कर रहा है।
भाषा
रमण अजय
अजय

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