सेबी ने ब्लेसिंग एग्रो, एसूरे एग्रोवटेक के निवेशकों को रिफंड दावा सौंपने के लिये और समय दिया

सेबी ने ब्लेसिंग एग्रो, एसूरे एग्रोवटेक के निवेशकों को रिफंड दावा सौंपने के लिये और समय दिया

सेबी ने ब्लेसिंग एग्रो, एसूरे एग्रोवटेक के निवेशकों को रिफंड दावा सौंपने के लिये और समय दिया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:20 pm IST
Published Date: September 29, 2020 11:33 am IST

नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने ब्लेसिंग एग्रो फार्म और एसुरे एग्रोवटेक के निवेशकों को उनकी निवेश राशि वापस पाने का दावा करने के लिये और समय दिया है। सेबी ने इन दोनों कंपनियों की अवैध निवेश योजनाओं में किये गये निवेश के रिफंड का दावा करने की समयसीमा बढ़ाकर 16 अक्टूबर कर दी है।

इससे पहले इन दोनों कंपनियों में निवेशकों को मूल निवेश प्रमाणपत्रों के साथ रिफंड का दावा करने के लिये एग्रो फार्म में 31 जनवरी तक और एसूरे एग्रोवटेक में 29 फरवरी जरूरी दस्तावेज जमा कराने को कहा गया था।

सेबी ने सोमवार को जारी दो अलग अलग सार्वजनिक नोटिस में कहा है कि उसके द्वारा नियुक्त प्रशासक समयसीमा समाप्त होने के बाद भी निवेशकों से दावा फार्म स्वीकार करते रहे क्योंकि निवेशकों से लगातार समयसीमा बढ़ाने को लेकर कई आग्रह पत्र प्राप्त होते रहे।

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इसमें कहा गया है कि कोविड- 19 महामारी के प्रसार और उसके बाद मार्च 2020 के आखिरी सप्ताह में लगाये गये लॉकडाउन के कारण डाक सेवाओं में भी बाधा उत्पन्न हुई जिसकी वजह से रिफंड दावे देरी से प्राप्त हुये, लेकिन तय समयसीमा के बाद भी उन्हें स्वीकार किया जाता रहा है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि अब 16 अक्टूबर 2020 को कार्यालय बंद होने के समय तक ही रिफंड दावे स्वीकार किये जायेंगे उसके बाद इस संबंध में निवेशकों से कोई दावा फार्म स्वीकार नहीं किया जायेगा।

सेबी के आदेश के मुताबिक ब्लेसिंग एग्रो फार्म ने अवैध रूप से 1.3 लाख निवेशकों से 84.30 करोड़ रुपये जुटाये। उसका दावा है कि उसने 13,000 निवेशकों को 10.41 करोड़ रुपये लौटा दिये हैं। नियामक के आदेश के मुताबिक 74 करोड़ रुपये का बकाया अभी है।

इसी प्रकार एसुरे एग्रावटेक न अपनी योजनाओं के तहत 69.30 करोड़ रुपये जुटाये और उसका दावा है कि उसने दिसंबर 2015 तक 12 करोड़ रुपये लौटा दिये हैं। कंपनी को शेष 57.55 करोड़ रुपये और लौटाने हैं।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर


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