नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिये कई कदम उठाये हैं। इन कदमों में संपत्तियों के बिक्री मॉडल में संशोधन तथा एक लाख करोड़ रुपये के दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर परियोजना के लिये विशेष प्रयोजन निकाय स्थापित करना शामिल है।
केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं एमएसएमई मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 100 लाख करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचा र्माण कार्यक्रम के तहत 25 लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं बनायी जायेंगी।
उन्होंने मैक्वेरी मोमेंटम इंडिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बुधवार को 65 हजार करोड़ रुपये की दो बड़ी राजमार्ग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई, जिसमें 35 हजार करोड़ रुपये की अमृतसर-अजमेर एक्सप्रेस राजमार्ग परियोजना भी शामिल है।
गडकरी ने कहा, ‘‘सड़क निर्माण उद्योग में अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की उच्च क्षमता है, क्योंकि तरलता मूल रूप से सबसे महत्वपूर्ण समस्या है। कोविड-19 के कारण पूरी दुनिया इस गंभीर समस्या का सामना कर रही है। भारत भी इस समस्या का सामना कर रहा है और मुझे लगता है कि बुनियादी ढांचे में निवेश तरलता लायेगा, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये बहुत महत्वपूर्ण है।’’
गडकरी ने कहा कि फास्टैग के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह पर ध्यान केंद्रित करने से टोल संग्रह के मार्च तक 33 हजार करोड़ रुपये और 2025 तक एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है।
राजमार्गों के तेजी से निर्माण के लिये कई पहलों पर चर्चा करते हुए मंत्री ने कहा कि एचएएम (हाइब्रिड एन्युटी मॉडल), ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद एवं निर्माण) और बीओटी (बिल्ट) में बिल्डरों की व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये पात्रता, तकनीकी व वित्तीय योग्यता में ढील दी गयी है।
उन्होंने कहा कि निर्माण और सड़क क्षेत्र में मौजूदा साझेदारों को बड़े वित्तीय राहत पैकेज दिये गये हैं, ताकि उन्हें अर्थव्यवस्था में नरमी के कारण वित्तीय व लॉजिस्टिक से संबंधित समस्याओं से निपटने में मदद मिल सके।
भाषा सुमन महाबीर
महाबीर
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