90 प्रतिशत सरकारी हिस्सेदारी वाले पीएसयू के लिए आसान ‘डीलिस्टिंग’ नियम अधिसूचित

90 प्रतिशत सरकारी हिस्सेदारी वाले पीएसयू के लिए आसान 'डीलिस्टिंग' नियम अधिसूचित

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  • Publish Date - September 9, 2025 / 03:30 PM IST,
    Updated On - September 9, 2025 / 03:30 PM IST

नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने ऐसे सार्वजनिक उपक्रमों की स्वैच्छिक रूप से सूचीबद्धता समाप्त करने (डीलिस्टिंग) के लिए आसान नियम अधिसूचित किए हैं, जिनमें सरकार की 90 प्रतिशत या उससे अधिक हिस्सेदारी है।

इस कदम का मकसद बाहर निकलने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है। शेयर बाजार में सूचीबद्ध किसी कंपनी के शेयर वहां से हटाने की प्रक्रिया को ‘डीलिस्टिंग’ कहते हैं।

इन उपायों में डीलिस्टिंग को मंजूरी देने के लिए दो-तिहाई सार्वजनिक शेयरधारकों की सीमा में ढील और न्यूनतम मूल्य की गणना के तरीके में राहत शामिल है।

इसके अलावा, ऐसी डीलिस्टिंग एक निश्चित मूल्य पर हो सकती है, जो न्यूनतम मूल्य से कम से कम 15 प्रतिशत अधिक होनी चाहिए।

सेबी ने एक सितंबर की अपनी अधिसूचना में कहा कि यह नियम ऐसे सार्वजनिक उपक्रमों पर लागू है, जहां सरकार की 90 प्रतिशत या उससे अधिक हिस्सेदारी है। हालांकि, इनमें बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) और बीमा कंपनियां शामिल नहीं हैं।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय