जीएसटी पर बने मंत्री समूहों से मिलीं सीतारमण, कर सुधारों की जरूरत पर दिया जोर

जीएसटी पर बने मंत्री समूहों से मिलीं सीतारमण, कर सुधारों की जरूरत पर दिया जोर

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  • Publish Date - August 20, 2025 / 04:39 PM IST,
    Updated On - August 20, 2025 / 04:39 PM IST

नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राज्यों के मंत्रियों के समूहों (जीओएम) के समक्ष जीएसटी प्रणाली में व्यापक सुधारों की रूपरेखा पेश की। इसमें कर दरों में कटौती और कारोबारियों के लिए अनुपालन बोझ को कम करने का प्रस्ताव है।

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों को युक्तिसंगत बनाने, बीमा पर कराधान और क्षतिपूर्ति उपकर से संबंधित मंत्री समूह दो दिन तक केंद्र के ‘अगली पीढ़ी’ के जीएसटी सुधारों पर विचार करेंगे।

इसमें जीएसटी कर की पांच और 18 प्रतिशत की केवल दो कर दरों का ही प्रावधान किया गया है। हालांकि, विलासिता एवं नुकसानदेह वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की एक विशेष दर लगेगी।

वर्तमान में जीएसटी पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दर पर वसूला जाता है।

एक सूत्र ने बताया कि वित्त मंत्री ने करीब 20 मिनट के संबोधन में मंत्री समूहों को जीएसटी सुधारों से संबंधित प्रस्ताव के बारे में बताया। उन्होंने राज्यों के मंत्रियों को जीएसटी सुधारों की जरूरत से अवगत कराया।

दर को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित मंत्री समूह को कर स्लैब एवं दरों में बदलाव और कुछ क्षेत्रों में शुल्क उलटफेर की समस्या खत्म करने का दायित्व सौंपा गया है। यह समूह 21 अगस्त को फिर बैठक करेगा।

बीमा संबंधी मंत्री समूह स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम पर कर दर घटाने पर विचार कर रहा है जबकि क्षतिपूर्ति उपकर पर बना समूह ऋण भुगतान अवधि के बाद उपकर के भविष्य पर निर्णय लेगा।

इन प्रस्तावों पर जीओएम की सहमति मिलने के बाद इन्हें अगले महीने जीएसटी परिषद की बैठक में रखा जाएगा। जीएसटी से संबंधित मामलों में नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार जीएसटी परिषद के ही पास है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में दिवाली तक जीएसटी सुधार लागू करने की घोषणा की थी।

एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दर सुधारों का प्रस्ताव लागू होने पर सरकार को सालाना करीब 85,000 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान हो सकता है। चालू वित्त वर्ष में एक अक्टूबर से प्रस्तावित दरें लागू होने पर नुकसान 45,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी की प्रभावी औसत दर लागू होने के समय के 14.4 प्रतिशत से घटकर सितंबर, 2019 में 11.6 प्रतिशत रह गई और दर सरलीकरण के बाद यह 9.5 प्रतिशत तक आ सकती है।

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

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