धोखा देने वाले उपकरण के कथित इस्तेमाल पर स्कोडा फॉक्सवैगन को नहीं मिली उच्चतम न्यायालय से राहत

धोखा देने वाले उपकरण के कथित इस्तेमाल पर स्कोडा फॉक्सवैगन को नहीं मिली उच्चतम न्यायालय से राहत

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  • Publish Date - November 26, 2020 / 07:37 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:41 PM IST

नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को जर्मन कार विनिर्माता स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एक उपभोक्ता द्वारा उसकी डीजल कार में कथित रूप से ‘धोखा देने वाले उपकरण’ के इस्तेमाल पर उत्तर प्रदेश में दर्ज एफआईआर को चुनौती दी गई थी।

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने यह फैसला सुनाया और ऑटोमोबाइल निर्माता की याचिका को खारिज कर दिया।

इससे पहले चार नवंबर को शीर्ष न्यायालय ने यह कहते हुए याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था कि मामले की जांच क्यों नहीं होनी चाहिए।

सुनवाई के दौरान ऑटोमोबाइल विनिर्माता ने दलील दी कि इस बारे में दिसंबर 2015 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में शिकायत की गई थी, और मार्च 2019 में उस पर जुर्माना लगाया गया, जिसे शीर्ष न्यायालय ने रोक दिया था।

इस संबंध में उत्तर प्रदेश में भी एक याचिका दर्ज की गई, जिसे रद्द कराने के लिए कंपनी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

उच्च न्यायालय ने एफआईआर को रद्द करने से इनकार करते हुए स्कोडा की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद कंपनी ने उच्चतम न्यायालय में अपील की, जहां उसे कोई राहत नहीं मिल सकी।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय