बूंदी, 22 दिसंबर (भाषा) राजस्थान में बाघों की अनुवांशिक विविधता बढ़ाने और संरक्षण प्रयासों को मजबूती देने के लिए मध्य प्रदेश के पेंच बाघ अभयारण्य से तीन वर्षीय बाघिन को हवाई मार्ग से यहां लाया गया। वन अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
वन विभाग के अधिकारियों ने इसे वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है। हेलीकॉप्टर से यह सफर करीब ढाई घंटे में पूरा हुआ।
उन्होंने बताया कि बाघिन की पहचान ‘पीएन-224’ के तौर पर की जाती है और उसे सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर से रविवार रात जयपुर लाया गया, बाद में उसे सड़क मार्ग से बूंदी जिले के रामगढ़ विषधारी बाघ अभयारण्य ले जाया गया और सोमवार सुबह एक बाड़े में मुक्त कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि इससे पहले, पेंच बाघ अभयारण्य के वन दल ने घनी झाड़ियों में आराम कर रही बाघिन को खोज निकाला और पशु चिकित्सकों की देखरेख में उसे बेहोश किया।
अधिकारियों के अनुसार, स्वास्थ्य जांच में बाघिन का तापमान, हृदय गति और श्वसन सामान्य पाया गया।
बाघिन को शाम 4:55 बजे पेंच से जयपुर के लिए रवाना किया गया था। सुरक्षा कारणों से उसे पहले जयपुर लाया गया और फिर वहां से रामगढ़ स्थानांतरित किया गया, जहां शुरुआती दौर में उसे ‘बजालिया बाड़े’ में रखा जाएगा।
अधिकारियों ने कहा, ‘बाघिन के स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी की जा रही है।’
उन्होंने बताया कि इस स्थानांतरण की तैयारियां कई हफ्तों से की जा रही थीं।
भाषा सुमित शोभना
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