नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) छोटी इकाइयों को ‘आत्मनिर्भर भारत’ में भागीदार बनाते हुये उनका योगदान बढ़ाने के लिये वॉलमार्ट ने ‘कौशल विकास कार्यक्रम’ की शुरुआत की है। लघु उद्यमियों को डिजिटल होती अर्थव्यवस्था के अनुरूप बदलने के इस कार्यक्रम की शुरुआत मंगलवार को दिल्ली से सटे हरियाणा राज्य में की गई।
वॉलमार्ट खुदरा व्यवसाय के लिये डिजिटल मंच उपलब्ध कराती है। उसने अपनी इस कौशल विकास पहल को ‘वालमार्ट वृद्धि आपूर्तिकर्ता विकास कार्यक्रम’ का नाम दिया है। कार्यक्रम के वरिष्ठ निदेशक नितिन दत्त ने ‘भाषा’ से बातचीत कहा, ‘‘कोविड-19 के बाद देश की अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। सरकार ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। ऐसे में ‘आत्मनिर्भर अभियान’ को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने लघु व्यवसायियों को प्रशिक्षित करने की योजना बनायी है, क्योंकि ये लघु व्यवसायी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।’’
दत्त ने कहा, ‘‘कार्यक्रम के तहत कंपनी अपने खुदरा क्षेत्र के अनुभव को वालमार्ट वृद्धि कार्यक्रम के जरिए लघु व्यवसायियों के साथ साझा करेगी। इसका लक्ष्य 50,000 लघु व्यवसायियों को प्रशिक्षित कर उन्हें ‘मेक इन इंडिया’ के लिए सक्षम बनाना और उन्हें घरेलू एवं वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जोड़ना है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को कंपनी ने ज्ञान प्रबंधन इकाई ‘श्रावस्ती’ के साथ मिलकर तैयार किया है।’’
दत्त ने कहा कि शुरुआत में वृद्धि कार्यक्रम के तहत गैर-खाद्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को प्रशिक्षित किया जाएगा। बाद में इस कार्यक्रम के तहत खाद्य एमएसएमई को भी सशर्त शामिल किया जा सकता है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के तहत एमएसएमई को सरकार द्वारा उनके लिए चलायी जाने वाली विभिन्न योजनाओं तक पहुंचने में सक्षम बनाया जाएगा। वहीं उन्हें वित्तीय प्रबंधन के लिए भी तैयार किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि वालमार्ट वृद्धि कार्यक्रम पूरी तरह से एक ‘कारोबार विकास कार्यक्रम’ है। यह कहीं से भी कंपनी की ‘कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व’ गतिविधियों का हिस्सा नहीं है।
भाषा
शरद महाबीर
महाबीर