Ban on Pusa-44: किसानों को लगा जोरदार झटका! इस फसल की बुवाई पर प्रतिबंध लगाने जा रही सरकार

Ban on Pusa-44: Ban on sowing of Pusa-44 variety of paddy किसानों को लगा जोरदार झटका! इस फसल की बुवाई पर बैन लगाने जा रही सरकार Ban on Pusa-44

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  • Publish Date - October 4, 2023 / 10:38 AM IST,
    Updated On - October 4, 2023 / 11:04 AM IST

Ban on sowing of Pusa-44 variety of paddy

Ban on Pusa-44: पंजाब। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार ने पानी की अधिक खपत करने वाली धान फसल की पूसा-44 किस्म की बुवाई पर अगले खरीफ सत्र से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यहां से राज्य में धान खरीद कार्य की औपचारिक शुरुआत करने के बाद सीएम मान ने किसानों से पराली जलाने की प्रथा को रोकने का भी आग्रह किया। उन्होंने खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग को एक अक्टूबर से शुरू होने वाले मौजूदा खरीफ विपणन सत्र के दौरान सुचारू तरीके से खरीद सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

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सीएम मान ने किसानों के एक समूह के साथ बातचीत करते हुए कहा, कि ‘‘हम किसानों का एक-एक दाना खरीदने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ मुख्यमंत्री ने किसानों से धान की पूसा 44 किस्म की फसल की खेती बंद करने का आग्रह किया क्योंकि इसके पकने में अधिक समय लगता है, साथ ही फसल के अवशेष भी अधिक पैदा होते हैं। उन्होंने कहा कि इस सत्र में किसानों को पूसा 44 किस्म की बुवाई नहीं करने के लिए कहा गया था लेकिन कई उत्पादकों ने इसे बोया है। मान ने कहा कि अगले सत्र से पंजाब में पूसा 44 किस्म पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पीआर-126 किस्म को पकने में 152 दिन लगते हैं, जबकि पीआर-126 किस्म को पकने में सिर्फ 92 दिन लगते हैं। उन्होंने कहा कि बाकी किस्मों के मुकाबले पूसा किस्म को सिंचाई के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि फसल की बुवाई के लिए एक या दो नई किस्में विकसित की जाएंगी। किसानों से पराली जलाने की प्रथा बंद करने का आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली के इन-सीटू (खेत में) और एक्स-सीटू (खेत से बाहर अन्यत्र) प्रबंधन के लिए किसानों को फसल अवशेष मशीनरी दी जा रही है।

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सीएम भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही ईंट भट्टों को पराली को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करना अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसी कई कंपनियां हैं जो किसानों से पराली इकट्ठा कर रही हैं। मान ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने गेहूं की बुवाई के लिए डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) का मुद्दा केंद्र के समक्ष उठाया है और उसे तीन लाख टन की आपूर्ति प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि किसानों को समय पर भुगतान के निर्धारित मानदंडों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

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