राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़े जाएंगे राज्य के उत्पाद : बिहार के उद्योग मंत्री
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़े जाएंगे राज्य के उत्पाद : बिहार के उद्योग मंत्री
पटना, 24 दिसंबर (भाषा) बिहार के उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने बुधवार को कहा कि हस्तशिल्प के प्रचार-प्रसार के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ संभावनाओं पर गंभीरता से कार्य किया जाना चाहिए, ताकि राज्य के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ा जा सके।
उद्योग विभाग के सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार का स्पष्ट संकल्प है कि बिहार के पारंपरिक उद्योगों, हस्तशिल्प तथा सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को आधुनिक तकनीक, बेहतर विपणन और सशक्त नीतिगत समर्थन के माध्यम से नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दूरदर्शी नेतृत्व में बिहार को औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और आत्मनिर्भरता की दिशा में निरंतर सशक्त बनाया जा रहा है।
बैठक के दौरान उद्योग मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ हस्तकरघा एवं रेशम उद्योग, खादी ग्रामोद्योग तथा उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान से संबंधित प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन, वित्तीय और भौतिक उपलब्धियों, मानव संसाधन की स्थिति तथा आगामी कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई।
डॉ. जायसवाल ने स्पष्ट निर्देश दिया कि विभाग में रिक्त पदों के बारे में सूचना भेजने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए ताकि भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा सके। इससे योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में आ रही प्रशासनिक बाधाओं को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि विभागीय कार्यों को अधिक लक्ष्य-उन्मुख बनाया जाए।
उद्योग मंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों में निर्माणाधीन खादी मॉल की प्रगति की भी समीक्षा की और निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए, ताकि ये मॉल खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों के प्रचार-प्रसार के प्रभावी केंद्र बन सकें। इसके साथ ही बिहार एम्पोरियम के आधुनिकीकरण और उसके स्वरूप में सुधार पर भी विशेष जोर दिया गया, ताकि राज्य के उत्पादों को बेहतर ब्रांडिंग और विपणन मंच उपलब्ध कराया जा सके।
बैठक में उद्योग विभाग के सचिव कुंदन कुमार, एमएसएमई निदेशक अमन समीर, हस्तकरघा एवं रेशम निदेशक विद्यानंद सिंह, उद्योग निदेशक मुकुल कुमार गुप्ता सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
भाषा कैलाश
रवि कांत अजय
अजय

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