मुंबई, 26 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने शनिवार को कहा कि वृद्धि को बनाए रखने के लिए एक मजबूत कच्चे माल की रणनीति महत्वपूर्ण है और देश को कोकिंग कोयला और लौह अयस्क जैसी महत्वपूर्ण सामग्रियों की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।
इस्पात मंत्रालय और उद्योग मंडल फिक्की द्वारा यहां संयुक्त रूप से आयोजित इंडिया स्टील-2025 प्रदर्शनी और सम्मेलन के छठे संस्करण के समापन दिवस को संबोधित करते हुए रेड्डी ने कहा कि इस्पात भारत की आर्थिक वृद्धि की रीढ़ है और देश के ‘विकसित भारत’ के सामूहिक दृष्टिकोण का प्रमुख चालक है।
बयान के अनुसार, तीन दिवसीय कार्यक्रम में 1,000 से अधिक प्रतिनिधियों, 200 से अधिक प्रदर्शकों ने भाग लिया और नौ सत्र आयोजित किए गए, जिनमें उद्घाटन सत्र सहित भारत और अन्य देशों के 150 से अधिक वक्ता शामिल थे।
इस दौरान, तीन समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए।
रेड्डी ने आर्थिक वृद्धि में कोयला और खनन क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा, “यदि इस्पात भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, तो कोयला और खनन इसकी नींव हैं। वृद्धि को बनाए रखने के लिए एक मजबूत कच्चे माल की रणनीति महत्वपूर्ण है। हमें कोकिंग कोयला, चूना पत्थर, लौह अयस्क जैसे आवश्यक कच्चे माल और मैग्नीशियम, निकल और क्रोमियम जैसे महत्वपूर्ण तत्वों की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि इस्पात क्षेत्र की वृद्धि के लिए कोयला क्षेत्र की भी साथ-साथ वृद्धि होना आवश्यक है और आयात को कम करना तथा भारत की इस्पात महत्वाकांक्षाओं को समर्थन देना आवश्यक है।
रेड्डी ने कहा, “सरकार ने कोयला आयात पर निर्भरता कम करने के लिए मिशन कोकिंग कोयला शुरू किया है, जिसका लक्ष्य 2030 तक 14 करोड़ टन घरेलू कोकिंग कोयला का उत्पादन करना है, जो इस्पात निर्माण में 10-30 प्रतिशत तक मिश्रित होगा।”
मंत्री ने उद्योग से भारत के प्रयासों को और मजबूत करने के लिए नई वाशरीज स्थापित करने तथा नई प्रौद्योगिकियां विकसित करने का भी आग्रह किया।
भाषा अनुराग रमण
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