उच्चतम न्यायालय एजीआर बकाया माफ करने की वीआईएल की याचिका सुनने को तैयार

उच्चतम न्यायालय एजीआर बकाया माफ करने की वीआईएल की याचिका सुनने को तैयार

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Modified Date: May 15, 2025 / 06:55 PM IST
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Published Date: May 15, 2025 6:55 pm IST

नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया की करीब 30,000 करोड़ रुपये का समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया माफ करने से संबंधित याचिका पर सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार को सहमत हो गया।

मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ से वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने आग्रह किया था कि याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है।

दूरसंचार कंपनी ने अपने एजीआर बकाये के ब्याज, जुर्माने और जुर्माने पर ब्याज के तौर पर करीब 30,000 करोड़ रुपये की राशि माफ करने की गुहार लगाई है।

रोहतगी ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए याचिकाकर्ता कंपनी का अस्तित्व में रहना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि हाल ही में बकाया ब्याज को इक्विटी हिस्सेदारी में बदले जाने के बाद अब कंपनी में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी बढ़कर 49 प्रतिशत हो चुकी है।

इसके पहले शीर्ष अदालत ने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया सहित दूरसंचार कंपनियों की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था जिनमें देय एजीआर बकाया की गणना में कथित त्रुटियों को सुधारने का अनुरोध किया गया था। इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने 2021 के अपने आदेश की समीक्षा करने से भी इनकार कर दिया था।

पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति अभय एस ओका एवं न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने इस साल 28 जनवरी को 2021 के आदेश की समीक्षा की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

शीर्ष अदालत ने 23 जुलाई, 2021 को एजीआर बकाया की गणना में कथित त्रुटियों को सुधारने की मांग करने वाली उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

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