नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि कपड़ा निर्यात पर कार्यबल इस क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान के लिए एक एकीकृत मंच तैयार करेगा ताकि निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके।
देश का लक्ष्य वित्त वर्ष 2030-31 तक कपड़ा निर्यात को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।
कार्यबल की पहली बैठक 10 जून को वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल की अध्यक्षता में हुई थी, जिसमें भारत से कपड़ा निर्यात बढ़ाने के अलावा वैश्विक बाजारों में हिस्सेदारी बढ़ाने के मुद्दों और रणनीतियों पर चर्चा की गई।
बर्थवाल ने कहा कि कार्यबल का प्राथमिक उद्देश्य सभी संबंधित अंशधारकों को शामिल करके कपड़ा क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान के लिए एक एकीकृत मंच तैयार करना है।
वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि निर्यात बाजार में अधिक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए नवीनतम रुझानों को ध्यान में रखते हुए नवोन्मेषण पर ध्यान देने की जरूरत है।
वाणिज्य विभाग द्वारा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए चिन्हित प्रमुख केंद्रित क्षेत्रों में से एक वस्त्र है।
जबकि सरकार शुल्क संबंधी नुकसान को दूर करने के लिए विभिन्न देशों के साथ व्यापार समझौतों पर लगातार काम कर रही है, उद्योग को उन्हें अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने को योजनाएं बनाने पर काम करना चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि बैठक के दौरान चर्चा में संपूर्ण वस्त्र मूल्य श्रृंखला से संबंधित मामलों और मुद्दों को शामिल किया गया।
इसमें कौशल, श्रम, लागत प्रतिस्पर्धात्मकता, नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग, वस्त्र क्षेत्र को समर्थन देने के लिए वर्तमान योजनाएं, गुणवत्ता नियंत्रण आदेश, लॉजिस्टिक्स और जूट जैसे प्राकृतिक रेशों की उत्पादकता में वृद्धि शामिल थी।
विभिन्न वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषदों और उद्योग संघों के प्रतिनिधियों ने इन मामलों पर अपने विचार और सुझाव साझा किए।
इसके अलावा यह भी निर्णय लिया गया कि इनके लिए संबंधित मंत्रालय के नेतृत्व में उप-कार्यबलों का गठन किया जाएगा, जिसमें निर्यात संवर्धन परिषदों और उद्योग के प्रतिभागी शामिल होंगे, जो कार्यबल को उपयुक्त सिफारिशें प्रदान करेंगे।
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