टाटा समूह कर रहा बिसलेरी को खरीदने की तैयारी, जानें क्यों आई बिक्री की नौबत…
टाटा समूह कर रहा बिसलेरी को खरीदने की तैयारी : Tata Group is preparing to buy Bisleri, know why the sale came...
नई दिल्ली । जानेमाने उद्योगपति रमेश चौहान ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अपने बोतलबंद पानी के कारोबार ‘बिसलेरी इंटरनेशनल’ के लिए खरीदार की तलाश में हैं और इस बारे में उनकी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड समेत कई कंपनियों से बात चल रही है।भारत में बोतलबंद पानी के कारोबार के अगुआ 82 वर्षीय उद्योगपति ने इस बात से इनकार किया कि टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) के साथ 7,000 करोड़ रुपये में सौदा हो चुका है।चौहान से पूछा गया था कि क्या वह बिसलेरी का कारोबार बेचने वाले हैं। इस पर उन्होंने कहा, ‘‘हां, हम बेच रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि समूह की कई संभावित खरीदारों से बात चल रही है। उनसे पूछा गया कि क्या वह टाटा समूह की कंपनी को कारोबार बेच रहे हैं, इस पर चौहान ने कहा, ‘‘यह सही नहीं है…अभी हमारी बात चल रही है।’’
बिसलेरी कारोबार को बेचने के पीछे क्या कारण हैं, जब यह पूछा गया तो चौहान ने कहा कि किसी को तो इसे संभालना होगा। दरअसल उनकी बेटी जयंती की दिलचस्पी कारोबार को संभालने में नहीं है।बिसलेरी इंटरनेशनल के प्रवक्ता ने बाद में मीडिया में एक बयान में कहा, ‘‘अभी हमारी बात चल रही है, इससे अधिक जानकारी नहीं दी जा सकती है।’’चौहान ने तीन दशक पहले अपने सॉफ्ट ड्रिंक कारोबार को अमेरिकी पेय पदार्थ कंपनी कोका-कोला को बेच दिया था। उन्होंने थम्स अप, गोल्ड स्पॉट, सिट्रा, माजा और लिम्का जैसे ब्रांड 1993 में कंपनी को बेच दिए थे।चौहान 2016 में फिर से सॉफ्ट ड्रिंक के कारोबार में उतरे लेकिन उनके उत्पाद ‘बिसलेरी पॉप’ को उतनी सफलता नहीं मिली।
इस वजह से बिक रही बिसेलरी
बिसलेरी के बिकने का मुख्य कारण उत्तराधिकारी का न होना है। दरअसल, जो कंपनी के प्रमोटर हैं- रमेश चौहान। उनका कहना है कि अब उनकी उम्र हो गई है। वो 82 साल के हैं, कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं और उनका कोई उत्तराधिकारी भी नहीं है। उनकी बेटी जयंती इस कंपनी को आगे ले जाने में उतनी दिलचस्पी नहीं रखती हैं, जिसकी वजह से कंपनी ने बिक्री का विकल्प चुना है।
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