श्रीराम समूह के लिए खुदरा एआरसी में प्रवेश का यह सही समय है: गुजराल

श्रीराम समूह के लिए खुदरा एआरसी में प्रवेश का यह सही समय है: गुजराल

श्रीराम समूह के लिए खुदरा एआरसी में प्रवेश का यह सही समय है: गुजराल
Modified Date: November 16, 2023 / 01:39 pm IST
Published Date: November 16, 2023 1:39 pm IST

चेन्नई, 16 नवंबर (भाषा) श्रीराम जनरल इंश्योरेंस के वाइस चेयरमैन (वीसी) जसमीत सिंह गुजराल ने कहा कि बाजार में थोक परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों या एआरसी की संख्या बढ़ने के साथ वित्त सेवा समूह श्रीराम समूह का खुदरा एआरसी में प्रवेश का फैसला ‘‘सही समय’’ पर लिया गया है।

श्रीराम समूह ने हाल ही में खुदरा संपत्ति पुनर्गठन (एआरसी) और डिजिटल धन प्रबंधन सेवा व्यवसायों में भी प्रवेश की घोषणा की है।

श्रीराम जनरल इंश्योरेंस के वाइस चेयरमैन (वीसी) जसमीत सिंह गुजराल ने हाल ही में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ मेरी व्यक्तिगत राय है कि इस समय प्रवेश के लिए रिटेल एआरसी एक अच्छा व्यवसाय है। उमेश (रेवनकर) भी बार-बार कह रहे हैं रिटेल एआरसी क्षेत्र में अभी कोई नहीं है। ’’

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गुजराल श्रीराम ओनरशिप ट्रस्ट के चार सदस्यीय प्रबंधन बोर्ड (बीओएम) का भी हिस्सा हैं, जो समूह की गतिविधियों पर नजर रखता है। श्रीराम कैपिटल के वीसी एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) डी.वी. रवि, श्रीराम फाइनेंस के कार्यकारी वीसी उमेश रेवनकर और श्रीराम लाइफ के निदेशक आर दुरुवसन इस बोर्ड के अन्य सदस्य हैं।

गुजराल ने कहा कि श्रीराम समूह के व्यवसायों में एक तालमेल है और पिछले 15-18 वर्षों में जीवन हो या सामान्य बीमा दोनों हर साल बेहतर कर रहे हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या उनके पास कई उत्पाद हैं गुजराल ने कहा, ‘‘ नहीं। वास्तव में ऐसा नहीं है। यह इस तरह है कि जैसे आप बैंक के पास जाते हैं तो आप स्वर्ण ऋण, व्यवसाय ऋण और आवास ऋण आदि प्राप्त कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ यदि आपको कोई ग्राहक मिला है, तो आपको कभी ऋण उत्पाद की आवश्यकता हो सकती है या हो सकता है कि आपके बेटा को शिक्षा ऋण या व्यक्तिगत ऋण चाहिए हो। आप ग्राहकों को केंद्र में रखकर उनके लिए सेवाओं को एक गुच्छा तैयार कर रहे हैं। हर ग्राहक को सब कुछ नहीं चाहिए होता लेकिन हम उसे यह पेशकश नहीं करें तो आशंका है कि वह किसी अन्य प्रदाता के पास जा सकते हैं।’’

श्रीराम समूह के बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश पर विचार करने के सवाल पर गुजराल ने कहा, ‘‘ नहीं, अभी ऐसा कोई विचार नहीं है।’’

भाषा निहारिका

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