ट्राई ने पीएम-वाणी योजना के तहत डेटा कार्यालयों का शुल्क ढांचा तय किया

ट्राई ने पीएम-वाणी योजना के तहत डेटा कार्यालयों का शुल्क ढांचा तय किया

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Modified Date: June 16, 2025 / 10:03 PM IST
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Published Date: June 16, 2025 10:03 pm IST
ट्राई ने पीएम-वाणी योजना के तहत डेटा कार्यालयों का शुल्क ढांचा तय किया

नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) दूरसंचार नियामक ट्राई ने इंटरनेट सेवाओं के प्रसार के लिए सोमवार को पीएम-वाणी योजना का शुल्क ढांचा निर्धारित कर दिया।

इस शुल्क ढांचे में विभिन्न सेवा प्रदाताओं द्वारा सार्वजनिक डेटा कार्यालयों को दी जाने वाली कनेक्टिविटी दरों को फाइबर ब्रॉडबैंड योजनाओं के खुदरा ग्राहकों के लिए लागू शुल्क से दोगुने तक सीमित रखा गया है।

दूरसंचार और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को कई बार वाणिज्यिक समझौतों के नाम पर महंगी इंटरनेट लाइन का उपयोग करके सार्वजनिक वाई-फाई एक्सेस पॉइंट को जोड़ने के लिए सार्वजनिक डेटा कार्यालयों (पीडीओ) की जरूरत होती है।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा कि नए मूल्य निर्धारण ढांचे को छोटे पैमाने के पीडीओ के लिए बैंडविथ सुनिश्चित करके ‘सभी हितधारकों के हितों को उचित रूप से संतुलित करने’ के लिए डिजाइन किया गया है। इसके साथ ही सेवा प्रदाताओं को ब्रॉडबैंड कनेक्शन के लिए उचित मुआवजा भी प्रदान किया गया है।

‘प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस’ यानी पीएम-वाणी योजना का उद्देश्य देश में सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करके इंटरनेट सेवाओं के प्रसार को बढ़ावा देना है।

पीएम-वाणी ढांचे के तहत सार्वजनिक डेटा कार्यालय इस योजना के अनुरूप वाई-फाई हॉटस्पॉट को स्थापित, संचालित एवं रखरखाव करते हैं और ग्राहकों को इंटरनेट सेवाएं प्रदान करते हैं।

इंटरनेट सेवाएं देने के लिए पीडीओ को सार्वजनिक डेटा कार्यालय एग्रीगेटर (पीडीओए) के साथ साझेदारी करने की जरूरत होती है।

ट्राई ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘खुदरा फाइबर-टू-द-होम (एफटीटीएच) ब्रॉडबैंड सेवाएं देने वाला हरेक सेवा प्रदाता पीएम-वाणी योजना के तहत पीडीओ को 200 एमबीपीएस तक की अपनी सभी खुदरा एफटीटीएच ब्रॉडबैंड योजनाएं प्रदान करेगा, जो बैंडविथ (क्षमता) की संबंधित ब्रॉडबैंड योजना के लिए खुदरा ग्राहकों के लिए लागू शुल्क के दोगुने से अधिक नहीं होगी।’

दूरसंचार विभाग ने ट्राई से कहा था कि पीएम-वाणी योजना का प्रसार परिकल्पित लक्ष्यों से काफी कम है। इसके लिए एक प्रमुख कारण दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं द्वारा इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए लगाए जाने वाले उच्च शुल्क थे।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

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