ट्रॉपिकल एग्रो ने तुड़ाई बाद फलों के नुकसान को कम करने को एआई आधारित ‘प्रौद्योगिकी’ पेश की

ट्रॉपिकल एग्रो ने तुड़ाई बाद फलों के नुकसान को कम करने को एआई आधारित ‘प्रौद्योगिकी’ पेश की

ट्रॉपिकल एग्रो ने तुड़ाई बाद फलों के नुकसान को कम करने को एआई आधारित ‘प्रौद्योगिकी’ पेश की
Modified Date: September 23, 2025 / 06:07 pm IST
Published Date: September 23, 2025 6:07 pm IST

नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) चेन्नई स्थित ट्रॉपिकल एग्रोसिस्टम (इंडिया) लिमिटेड ने मंगलवार को तुड़ाई के बाद फलों की बर्बादी को रोकने और किसानों की लाभप्रदता बढ़ाने के लिए एआई-सक्षम तकनीकी उपकरण ‘स्ट्रेला’ और ‘रूबेंस’ पेश किया है।

इन प्रौद्योगिकियों की शुरुआत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हुई है, क्योंकि तुड़ाई के बाद की बर्बादी भारत के कृषि क्षेत्र के लिए एक सतत चुनौती बनी हुई है।

कंपनी के अनुसार, यह फ़ार्म सूट कटाई के बाद फलों के नुकसान को कम करने, उत्पाद की गुणवत्ता बनाए रखने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए डेटा एनालिटिक्स और उन्नत तकनीक का लाभ उठाता है।

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ट्रॉपिकल एग्रो ने बयान में कहा कि वह तुड़ाई के बाद ताज़गी और गुणवत्ता समाधान में वैश्विक अग्रणी, एग्रोफ्रेशटीएम सॉल्यूशंस इंक के साथ एक रणनीतिक साझेदारी में, दो विश्व स्तर पर प्रशंसित नवाचार – स्ट्रेला और रूबेंस – को भारतीय बाजार में ला रही है।

इन तकनीकों को एग्रोफ्रेश के फ्रेशक्लाउड के साथ सहजता से एकीकृत किया जाएगा। फ्रेशक्लाउड एक डिजिटल मंच है जो वास्तविक समय के डेटा को एकत्रित करता है ताकि बाग से लेकर पैकहाउस, शिपिंग और उससे आगे तक – आपूर्ति श्रृंखला में फसल की स्थिति के बारे में बेहतर निर्णय लिए जा सकें।

कंपनी के संस्थापक वी के झावर ने कहा, ‘‘ट्रॉपिकल एग्रो को भारत के बाद क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना दिखाई देती है, जो कंपनी के लिए एक प्रमुख रणनीतिक केंद्र बिंदु बना रहेगा।’’

उन्होंने कहा कि भारत की आपूर्ति श्रृंखला की जटिलताओं और उसके परिणामस्वरूप होने वाली खाद्य बर्बादी को देखते हुए, स्ट्रेला और रूबेंस फसल-उपरांत नुकसान को कम करने, उत्पाद की गुणवत्ता बनाए रखने और उत्पादकों की लाभप्रदता में सुधार के लिए आदर्श समाधान प्रदान करते हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम भविष्य में इस तरह के और नवाचार पेश करने के लिए तत्पर हैं।’’

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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