ट्रंप को छह-नौ महीनों में शुल्क नीति कारगर न होने का अहसास हो जाएगाः ईएसी-पीएम सदस्य

ट्रंप को छह-नौ महीनों में शुल्क नीति कारगर न होने का अहसास हो जाएगाः ईएसी-पीएम सदस्य

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  • Publish Date - August 8, 2025 / 10:18 PM IST,
    Updated On - August 8, 2025 / 10:18 PM IST

नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के सदस्य नीलकंठ मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अगले छह से नौ महीनों में अपनी शुल्क नीति कारगर नहीं होने की बात समझ में आ जाएगी।

ट्रंप ने छह अगस्त को सभी भारतीय आयात पर मौजूदा 25 प्रतिशत सीमा शुल्क के ऊपर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी। इस तरह कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो जाएगा।

मिश्रा ने ‘बिजनेस टुडे इंडिया@100’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अगले छह से नौ महीनों में उन्हें अहसास होगा कि यह (शुल्क नीति) काम नहीं कर रही है।’’

उन्होंने कहा कि भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का अमेरिकी सरकार का निर्णय भारत से दूरी बनाने की एक कोशिश है।

उन्होंने कहा, ‘‘ट्रंप प्रशासन ऐसे ढंग से काम कर रहा है कि यह समझना मुश्किल हो जाता है कि फैसले कौन ले रहा है।’’

इसी कार्यक्रम में पूर्व योजना आयोग के उपाध्यक्ष रह चुके मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि ट्रंप ने नियम-आधारित व्यापार प्रणाली को उलट दिया है और वह ‘धौंस जमाने वाले’ शख्स की तरह व्यवहार कर रहे हैं।

अहलूवालिया ने कहा, ‘‘ज्यादातर अर्थशास्त्री यही मानते हैं कि ट्रंप की नीतियां अमेरिका को फिर से महान नहीं बनाएंगी। अगले तीन-चार महीनों में उनके शुल्क का पूरा असर सामने आ जाएगा।’’

हालांकि अहलूवालिया ने इसे ‘संकट काल’ बताते हुए कहा कि भारत को अमेरिका के साथ एक अच्छा व्यापार समझौता करने की कोशिश करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि बीते 23 वर्षों में भारत की औसत आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रही है, जो पर्याप्त नौकरियां पैदा करने के लिए काफी नहीं है।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण