यूबीएस को चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था के वृद्धि की राह पर लौट जाने का अनुमान

यूबीएस को चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था के वृद्धि की राह पर लौट जाने का अनुमान

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  • Publish Date - January 13, 2021 / 02:06 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:17 PM IST

मुंबई, 13 जनवरी (भाषा) यूबीएस इंवेस्टमेंट बैंक को चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था के वृद्धि की राह पर लौट आने का अनुमान है। यूबीएस का कहना है कि दूसरी तिमाही में दिखा अप्रत्याशित पुनरुद्धार आगे भी जारी रह सकता है। तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था की गिरावट 0.40 प्रतिशत तक सिमट सकती है और यह मार्च तिमाही में 0.80 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकती है।

बैंक ने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था को चालू वित्त वर्ष में गिरावट को 7.5 प्रतिशत तक सीमित करने में मदद मिल सकती है। यह पहले के पूर्वानुमान से पूरा एक प्रतिशत और यहां तक कि सरकार के 7.7 प्रतिशत के ताजे अनुमान से भी बेहतर है।

कोरोना वायरस महामारी के दौरान जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति काफी बदहाल हो गयी और 23.9 प्रतिशत की भारी-भरकम गिरावट दर्ज की गयी। हालांकि इसके बाद सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था में जबरदस्त सुधार हुआ और इस दौरान गिरावट की दर सिमटकर 7.5 प्रतिशत पर आ गयी।

इस अप्रत्याशित सुधार के चलते कई विश्लेषकों ने पूरे वित्त वर्ष के लिये गिरावट के अनुमान को घटाकर सात से साढ़े प्रतिशत कर दिया। यहां तक कि सरकार ने भी अनुमान में बदलाव किया।

यूबीएस इंवेस्टमेंट बैंक में भारत के लिये मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि अर्थव्यवस्था के रुख में बदलाव आ रहा है। अर्थव्यवस्था दिसंबर और मार्च तिमाही में सकारात्मक वृद्धि दर्ज कर सकती है। मार्च में वृद्धि दर 0.80 प्रतिशत या इससे अधिक रह सकती है। इससे पूरे वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था को गिरावट 7.5 प्रतिशत तक सीमित रखने में मदद मिल सकती है।’’

हालांकि उन्होंने कहा कि ये सारी चीजें 2021 की शुरुआत से बाजार में किफायती कीमत पर कोरोना टीका की उपलब्धता पर निर्भर करेगी।

उन्होंने वित्त वर्ष 2021-22 में अर्थव्यवस्था में 11.5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद व्यक्त की।

जैन ने वी आकार के पुनरुद्धार की उम्मीद जताते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत के आस-पास रह सकती है। इसका कारण वित्त वर्ष 2021-22 का उच्च आधार रहेगा।

भाषा सुमन मनोहर

मनोहर