ब्रिटेन व्यापार समझौता भारतीय कपड़ा निर्यातकों के लिए बड़ा अवसर : अधिकारी

ब्रिटेन व्यापार समझौता भारतीय कपड़ा निर्यातकों के लिए बड़ा अवसर : अधिकारी

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  • Publish Date - August 12, 2025 / 06:21 PM IST,
    Updated On - August 12, 2025 / 06:21 PM IST

नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि ब्रिटेन के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौते से परिधान, घरेलू वस्त्र, कालीन तथा हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और 2030 तक कपड़ा निर्यात में 30-45 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।

उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, घरेलू निर्यातकों को ब्रिटेन में अवसरों का भरपूर लाभ उठाने के लिए इस व्यापार समझौते का फायदा उठाना चाहिए जो सालाना 27 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य का कपड़ा आयात करता है। खासकर ऐसी स्थिति में जब इस क्षेत्र पर अमेरिकी शुल्क काफी अधिक हैं।

भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (सीईटीए) पर 24 जुलाई को लंदन में हस्ताक्षर किए गए थे।

ब्रिटेन, भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। 2024 में वस्त्र निर्यात में इसकी 5.80 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

भारत का विश्व को कुल निर्यात 37 अरब अमेरिकी डॉलर है। भारत 6.6 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी (1.79 अरब अमेरिकी डॉलर) के साथ यह ब्रिटेन का चौथा सबसे बड़ा कपड़ा आपूर्तिकर्ता है। यह चीन (25.4 प्रतिशत), बांग्लादेश (19.9 प्रतिशत) और तुर्किये (7.9 प्रतिशत) से कम है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ प्रमुख प्रतिस्पर्धियों की तुलना में भारत को शुल्क में नुकसान होगा। सीईटीए के लागू होने के तुरंत बाद भारत का कपड़ा निर्यात ब्रिटेन में शुल्क-मुक्त हो जाएगा। इससे विशेष रूप से सिले-सिलाए वस्त्र, घरेलू वस्त्र, कालीन और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों को लाभ होगा जिससे निर्यात को बढ़ावा देने के प्रबल अवसर उत्पन्न होंगे।’’

उन्होंने कहा कि इस कदम से शुल्क से जुड़ी पिछली असुविधाएं दूर हो जाएंगी और बांग्लादेश तथा चीन जैसे क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले भारतीय निर्यातकों को प्रतिस्पर्धी लाभ मिलेगा।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ इसमें ब्रिटेन के आयात में भारत की हिस्सेदारी को छह प्रतिशत से बढ़ाकर लगभग 12 प्रतिशत (लगभग 1.1-1.2 अरब अमेरिकी डॉलर अतिरिक्त वार्षिक) करने की क्षमता है।’’

उन्होंने कहा कि मात्रा के संदर्भ में यह समझौता 2030 तक ब्रिटेन को वस्त्र निर्यात को 30-45 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है जिससे निर्यात मूल्य में 50-80 करोड़ अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त वृद्धि होगी।

अमेरिका ने सात अगस्त से कपड़ा समेत भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क 27 अगस्त से लागू हो जाएगा, जिससे भारतीय वस्तुओं पर कुल आयात शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगा।

भाषा निहारिका रमण

रमण