देश के आठ बड़े शहरों में बिना बिके मकानों की संख्या बढ़कर नौ लाख, मार्च तिमाही का आंकड़ा आया सामने

क्रेडाई (द कॉन्फेडरेशन ऑफ रिअल एस्टेट डेवलपर्स एसोसएिशन ऑफ इंडिया), कोलियर्स इंडिया और लिएसेज फोराज की एक रिपोर्ट में यह आंकड़े दिए गए।

देश के आठ बड़े शहरों में बिना बिके मकानों की संख्या बढ़कर नौ लाख, मार्च तिमाही का आंकड़ा आया सामने
Modified Date: November 29, 2022 / 08:12 pm IST
Published Date: June 3, 2022 3:49 pm IST

Unsold houses in top 8 cities: नयी दिल्ली, 3 जून। देश के आठ प्रमुख शहरों में जनवरी-मार्च 2022 के दौरान बिना बिके मकानों की संख्या तिमाही आधार पर एक प्रतिशत बढ़कर 9.01 लाख इकाई हो गई। ऐसा नई आवासीय परियोजनाओं की बढ़ी हुई पेशकश के चलते हुआ।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

क्रेडाई (द कॉन्फेडरेशन ऑफ रिअल एस्टेट डेवलपर्स एसोसएिशन ऑफ इंडिया), कोलियर्स इंडिया और लिएसेज फोराज की एक रिपोर्ट में यह आंकड़े दिए गए।

आंकड़ों के अनुसार इस साल जनवरी-मार्च की अवधि के दौरान बिने मकानों की संख्या बढ़कर 9,01,967 इकाई हो गई, जो इससे पिछली तिमाही में 8,94,100 इकाई थी।

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Unsold houses in top 8 cities: वर्तमान कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही के दौरान आठ शहरों में कुल बिना बिके मकानों में मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) और दिल्ली-एनसीआर की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

रिपोर्ट के मुताबिक अनबिके मकानों में सबसे अधिक 32 प्रतिशत हिस्सेदारी मुंबई महानगर की थी। उसके बाद दिल्ली-एनसीआर (18 प्रतिशत) और पुणे (14 प्रतिशत) का स्थान है।

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इसमें कहा गया कि कम ब्याज दरों और स्थिर कीमतों के कारण बाजार में मांग बढ़ने से बिना बिके मकानों की संख्या में 2020 की दूसरी तीमाही से 2021 की चौथी तिमाही तक लगातार गिरावट हुई। हालांकि, इसके बाद इसमें वृद्धि का सिलसिला शुरू हो गया।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com