Viral Post: सच या अफवाह? सितंबर से 500 रुपये के नोट ATM में नहीं मिलेंगे? जानें असली सच्चाई
Viral Post: सच या अफवाह? सितंबर से 500 रुपये के नोट ATM में नहीं मिलेंगे? जानें असली सच्चाई
(Viral Post, Image Credit: Pixabay)
- वायरल पोस्ट में दावा: सितंबर से ATM में नहीं मिलेंगे ₹500 के नोट!
- सरकार ने किया खंडन, बताया फेक न्यूज।
- ₹500 के नोट अभी भी पूरी तरह वैध और मान्य।
Viral Post: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला दावा वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि सितंबर 2025 के बाद ATM से 500 रुपये के नोट निकलने बंद हो जाएंगे। यह पोस्ट व्हाट्सएप सहित अन्य प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से वायरल रही है और लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
वायरल पोस्ट में क्या दावा किया गया?
इस पोस्ट में यह बताया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों को आदेश दिया है कि 30 सितंबर 2025 के बाद ATM से 500 रुपये के नोट जारी न करें। इसके अनुसार, अब केवल 100 रुपये और 200 रुपये के नोट ही ATM में उपलब्ध होंगे। वहीं, इस दावे ने लोगों के बीच चिंता बढ़ा दी है।
सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया, फेक न्यूज पर ब्रेक
जिसके बाद सरकार ने इस वायरल पोस्ट को लेकर तुरंत संज्ञान लिया और प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस दावे को पूरी तरह से फर्जी बताया है। PIB ने स्पष्ट किया कि RBI ने ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया है और 500 रुपये के नोट पहले की तरह पूरी तरह वैध हैं। साथ ही पहले की तरह इससे लेनदेन कर सकेंगे। सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस तरह की अफवाहों पर विश्वास न करें और जानकारी के लिए केवल आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें।
Have you also received a notice purportedly from BSNL, claiming that the customer’s KYC has been suspended by @TRAI and the sim card will be blocked within 24 hrs❓#PIBFactCheck
❌ Beware! This Notice is #Fake.
✅ @BSNLCorporate never sends any such notices.
✅ Do not… pic.twitter.com/LjcJkdIyWq
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 12, 2025
RBI का असली निर्देश क्या है?
हालांकि, RBI ने हाल ही में एटीएम को लेकर कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत 30 सितंबर 2025 तक सभी एटीएम में कम से कम 75% नोट 100 रुपये और 200 रुपये मूल्य वर्ग के होने चाहिए। यह प्रतिशत 31 मार्च 2026 तक बढ़ाकर 90% कर दिया जाएगा। इस पहल का मकसद छोटे नोटों की उपलब्धता बढ़ाना है, जिससे ग्राहकों को चेंज की समस्या से राहत मिल सके।

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