गेहूं की बुवाई में अब तक 15 प्रतिशत की वृद्धि, दलहन बुवाई रकबे में मामूली गिरावट

गेहूं की बुवाई में अब तक 15 प्रतिशत की वृद्धि, दलहन बुवाई रकबे में मामूली गिरावट

गेहूं की बुवाई में अब तक 15 प्रतिशत की वृद्धि, दलहन बुवाई रकबे में मामूली गिरावट
Modified Date: November 29, 2022 / 08:42 pm IST
Published Date: November 18, 2022 7:14 pm IST

नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) गेहूं बुवाई का रकबा मौजूदा रबी (सर्दियों) सत्र में अब तक पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 15 प्रतिशत बढ़कर 101.49 लाख हेक्टेयर हो गया है। वहीं दलहन बुवाई के रकबे में गिरावट देखने को मिल रही है। शुक्रवार को जारी कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से यह पता चला।

मुख्य रबी फसल गेहूं की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है और कटाई मार्च-अप्रैल में शुरू होती है। गेहूं के अलावा, चना और सरसों फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के रबी सत्र के दौरान उगाई जाने वाली अन्य प्रमुख फसलें हैं।

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बुवाई के ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस रबी सत्र में 18 नवंबर तक 101.49 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की गई है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा 88.46 लाख हेक्टेयर थी। आंकड़ों से पता चला है कि पंजाब (7.18 लाख हेक्टेयर), राजस्थान (4.24 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (2.59 लाख हेक्टेयर), महाराष्ट्र (1.05 लाख हेक्टेयर) और गुजरात (0.67 लाख हेक्टेयर) में गेहूं की बुवाई अधिक क्षेत्र में की गई है।

हालांकि, दलहन की बुवाई का रकबा इस रबी सत्र में अब तक कम यानी 73.25 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो एक साल पहले की अवधि में 76.08 लाख हेक्टेयर था। दलहनों में चना की बुवाई 52.57 लाख हेक्टेयर में की गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 52.83 लाख हेक्टेयर में चना बोया गया था।

तिलहन के मामले में, लगभग 66.81 लाख हेक्टेयर में छह प्रकार के तिलहन बोए गए थे, जो एक साल पहले की अवधि के 59.22 लाख हेक्टेयर से अधिक है। इस अवधि में पिछले साल के 55.13 लाख हेक्टेयर के मुकाबले ज्यादा क्षेत्रों यानी 63.25 लाख हेक्टेयर में रेपसीड और सरसों बोया गया है।

आंकड़ों से पता चलता है कि उक्त अवधि में पहले के 19.80 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 19.24 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज बोए गए, जबकि उक्त अवधि में 7.21 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 8.03 लाख हेक्टेयर में चावल बोया गया है।

इस रबी सत्र में 18 नवंबर तक सभी रबी फसलों के तहत कुल रकबा अधिक यानी 268.80 लाख हेक्टेयर है, जो एक साल पहले की इसी अवधि में 250.76 लाख हेक्टेयर से थोड़ा अधिक था।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण


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