खाद्य तेलों के दाम में गिरावट, घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और जमाखोरी पर अंकुश लगाने की पहल

खाद्य तेलों के थोक दाम में दिख रहा गिरावट का रुख, मूंगफली, तिल तेल में दो प्रतिशत तक गिरावट: सरकार

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  • Publish Date - September 17, 2021 / 07:35 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:50 PM IST

नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) edible oil rate : केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की ओर से की गई विभिन्न पहल के बाद देश भर के थोक बाजारों में आठ प्रकार के खाद्य तेलों की कीमतों में पिछले सप्ताह की तुलना में गिरावट का रुख दिखा है।

बयान में कहा गया कि 14 सितंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान मूंगफली, सरसों तेल, वनस्पति, सूरजमुखी तेल, पाम तेल, नारियल तेल और तिल तेल की थोक कीमतों में गिरावट आई।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, पाम तेल का थोक भाव 14 सितंबर को 2.50 प्रतिशत गिरकर 12,349 रुपये प्रति टन रह गया, जो एक सप्ताह पहले 12,666 रुपये प्रति टन था।

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तिल तेल का थोक भाव 2.08 प्रतिशत घटकर 23,500 रुपये प्रति टन रह गया, जबकि नारियल तेल 1.72 प्रतिशत घटकर 17,100 रुपये प्रति टन रह गया।इसी तरह, सूरजमुखी तेल का थोक भाव 14 सितंबर को, पहले के 16,176 रुपये प्रति टन से 1.30 प्रतिशत, घटकर 15,965 रुपये प्रति टन रह गया।

इस अवधि में मूंगफली तेल का थोक भाव 1.38 प्रतिशत घटकर 16,839 रुपये प्रति टन यानी 1,684 रुपये क्विंटल रह गया, जबकि सरसों तेल और वनस्पति का थोक भाव एक प्रतिशत से कम की गिरावट के साथ क्रमश: 16,573 रुपये प्रति टन और 12,508 रुपये प्रति टन रह गया।

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हालांकि, खाद्य तेलों की थोक कीमतों में गिरावट का रुझान दिख रहा है, फिर भी दरें एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में कहीं अधिक हैं।

कीमतों पर लगाम लगाने और घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए केंद्र ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम किया है। जमाखोरी के खिलाफ भी कदम उठाए हैं और थोक विक्रेताओं, मिल मालिकों और रिफाइनरों को अपने स्टॉक का विवरण एक वेब पोर्टल पर डालने को कहा है।

यहां तक ​​कि खुदरा विक्रेताओं को भी ब्रांडेड खाद्य तेलों की दरों को प्रमुखता से प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है ताकि उपभोक्ता अपने पसंद के तेल का चुनाव कर सकें।