नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) नीति आयोग के सदस्य राजीव गौबा ने बृहस्पतिवार को कहा कि कारोबार को सुगम बनाने का काम जारी है। उन्होंने राज्यों के भीतर नगरपालिका स्तर पर सुधारों की जरूरत भी बतायी।
गौबा ने ‘व्यापार सुगमता और निवेश प्रोत्साहन पर आयोजित कार्यशाला’ को संबोधित करते हुए सभी राज्यों से जन विश्वास जैसे सुधारों को अपने खुद के हिसाब से लागू करने का आग्रह किया, जिसका उद्देश्य नियामकीय दखल को कम करना और व्यावसायिक भरोसे को बढ़ावा देना हो।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राज्यों के स्तर पर निवेश और कारोबार सुगमता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण सात प्रमुख सुधार क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया गया।
बयान में कहा गया है कि इनमें छोटी गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से हटाना, विनियमन और अनुपालन बोझ में कमी, व्यापार सुधार कार्ययोजना (बीआरएपी) का कार्यान्वयन, औद्योगिक बुनियादी ढांचे का विकास, एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली, वित्तीय और कराधान सुधार और निवेश प्रोत्साहन रणनीतियां शामिल थीं।
कार्यशाला में छोटे व्यावसायिक अपराधों को नागरिक जुर्माने में तब्दील करने की जरूरत पर जोर दिया गया। साथ ही उद्यमियों पर बोझ कम करने के लिए अनुपालन व्यवस्था को व्यवस्थित करने की भी बात कही गयी।
इस सत्र से एक महत्वपूर्ण निष्कर्ष यह निकला कि दीर्घकालीन निवेशक भरोसा न केवल प्रवेश के समय सुविधा, बल्कि स्थापना के बाद निरंतर समर्थन पर भी निर्भर करता है। इसमें समय पर शिकायत निवारण, नीतियों के स्तर पर निरंतरता और विभागों के बीच बेहतर तालमेल शामिल है।
इस कार्यक्रम में उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी), राजस्व विभाग, एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोला उद्यम) मंत्रालय के अलावा सीआईआई, फिक्की और एफआईएसएमई सहित प्रमुख उद्योग मंडलों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
भाषा रमण अजय
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