विश्व बैंक का अनुमान, अगले वित्त वर्ष में 6.6 प्रतिशत की धीमी रफ्तार से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

विश्व बैंक का अनुमान, अगले वित्त वर्ष में 6.6 प्रतिशत की धीमी रफ्तार से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

  •  
  • Publish Date - January 11, 2023 / 03:11 PM IST,
    Updated On - January 11, 2023 / 03:11 PM IST

नयी दिल्ली, 11 जनवरी (भाषा) भारत की आर्थिक वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष (2023-24) में घटकर 6.6 प्रतिशत रह जाएगी। विश्व बैंक ने यह अनुमान लगाया है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

विश्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपने ताजा अनुमान में कहा, ‘‘हालांकि, भारत सात सबसे बड़े उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।’’

वित्त वर्ष 2021-22 में आर्थिक वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2024-25 में वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

बयान में कहा गया है, ‘‘वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी और बढ़ती अनिश्चितता का निर्यात और निवेश वृद्धि पर असर पड़ेगा।’’

सरकार ने बुनियादी ढांचे पर खर्च और कारोबार के लिए सुविधाओं पर खर्च बढ़ाया है। हालांकि, यह इससे निजी निवेश जुटाने में मदद मिलेगी और विनिर्माण क्षमता के विस्तार को समर्थन मिलेगा।

विश्व बैंक ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 में वृद्धि दर धीमी होकर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके बाद यह घटकर छह प्रतिशत से कुछ ऊपर रह सकती है।’’

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में सालाना आाार पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 9.7 प्रतिशत रही है। इससे निजी खपत और निवेश में वृद्धि का संकेत मिलता है।

पिछले साल ज्यादातर समय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर रही। इसके चलते केंद्रीय बैंक ने मई से दिसंबर के बीच प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि की है।

वर्ष 2019 के बाद भारत का वस्तुओं का व्यापार घाटा दोगुना से अधिक हो गया है और यह नवंबर में 24 अरब डॉलर था। कच्चे पेट्रोलियम एवं पेट्रोलियम उत्पादों (7.6 अरब डॉलर) और अन्य वस्तुओं मसलन अयस्क और खनिज मामले में इसके 4.2 अरब डॉलर रहने के कारण व्यापार घाटा बढ़ा है।

विश्व बैंक ने कहा कि भारत ने रुपये के मूल्यह्रास पर अंकुश लगाने के लिए विनिमय दर में उतार-चढ़ाव को रोकने को अपने अंतरराष्ट्रीय भंडार (नवंबर में 550 अरब डॉलर, या सकल घरेलू उत्पाद का 16 प्रतिशत) का उपयोग किया।

भाषा राजेश राजेश रिया अजय

अजय