अब आ रहा है नया सिस्टम, घट सकती है आपकी कमाई

विज्ञापनदाताओं ने बनवाई रेस्पॉन्स रिपोर्ट, बना रही नया सिस्टम लागू करने का दबाव, अप्रैल से इसका दिखेगा असर

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  • Publish Date - January 20, 2023 / 03:11 PM IST,
    Updated On - January 20, 2023 / 03:12 PM IST

Getting more returns on FD of these banks

बरुण सखाजी. सह-कार्यकारी संपादक IBC24

सोशल मीडिया से बंपर कमाई करने वालों को जल्द ही बड़ा झटका लग सकता है। फेसबुक, यूट्यूब अपने व्यूज, सीटीआर के पैमानों में तकनीकी बदलाव कर सकते हैं। इसके तहत हर दर्शक की कंटेंट को देखने की रेवन्यू वैल्यू अलग-अलग होगी। अभी यह एरिया और देश के हिसाब से तो है, लेकिन व्यक्ति के हिसाब से नहीं है। कोई कंपनी इसे लेकर खुला ऐलान नहीं करेगी, लेकिन अप्रैल से कंटेंट प्रोवाइडर्स की आय पर इसका असर दिखाई दे सकता है।

विज्ञापनदाताओं का दबाव

यूट्यूबर, फेसबुक जैसे बड़े प्लेटफॉर्म से डॉलर्स में कमाई करने वालों के लिए बुरी खबर है। यह कंपनियां बिना ऐलान के तकनीकी स्तर पर बदलाव करने जा रही हैं। हाल ही में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की डिजीटल इनकम फ्लो नाम की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी वीडियो या टेक्स्ट कंटेंट के लिए विज्ञापनदाता सिर्फ ट्रैफिक देखता है। इससे उसके उत्पाद की सेलिंग पर कितना असर पड़ता है, समझा नहीं जा सकता। रिपोर्ट में उदाहरण देते हुए कहा है कि दो समान गुणवत्ता वाली कंपनियों के एक ही समय में समान विज्ञापन चलते हैं, लेकिन दोनों के सेलिंग में भारी अंतर होता है। रिपोर्ट में इसका कारण दर्शक की क्रय क्षमता को बताया है। उदाहरण के लिए अगर किसी ऑनलाइन सेलर का विज्ञापन डिजीटली 100 लोग देखते हैं, लेकिन इन 100 में सिर्फ 80 ऐसे है, जिनकी शॉपिंग हिस्ट्री में ऑनलाइन, क्रेडिट कार्ड, ऑर्डर टु डिलेवरी सक्सेस रेशो अधिक है तो उस उत्पाद की सेलिंग अधिक होगी। लेकिन ठीक इसके उलट दर्शक तो 100 ही हैं, लेकिन इन 100 में से अधिकतर की परचेजिंग हिस्ट्री खराब है या नहीं है या क्रेडिट कार्ड ऑनलाइन रिकॉर्ड नहीं है तो इन दर्शकों के देखने से सेलिंग नहीं बढ़ती। ऐसे में इनको विज्ञापन दिखाने से कोई फायदा ही नहीं हुआ।

कंपनियां कर सकती हैं लागू

अभी तमाम वीडियो और कंटेंट साइट्स सिर्फ ट्रैफिक पर फोकस थी। कोरोना और दूसरी वजहों से ट्रैफिक अब उतना बड़ा मसला नहीं रहा। ट्रैफिक सभी को कुछ न कुछ मिल जा रहा है। इसलिए अब विज्ञापनदाता ऐसे सिस्टम की मांग कर रहे हैं, जिससे उनकी सेलिंग सुनिश्चित हो। इसलिए कंपनियां ऐसे मॉड्यूल पर काम शुरू कर सकती हैं।

अप्रैल से घट जाएगी आय

ऐसे कंटेंट प्रोवाइडर्स की आय घट सकती है, जिन्हें ऐसे लोगों के व्यूज मिल रहे हैं जो खरीदी-बिक्री से जुड़ी कोई हिस्ट्री नहीं रखते। यह कंटेंट प्रोवाइडर को पता नहीं चलेगा।

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