ये है भारत की पहली Paperless University, विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए दी जाती हैं यहां Advance सुविधाएं…जानें

आज देश पेपरलेस होने की ओर अग्रसर हैं, कई किताबें अब आपको ऑनलाइन पढ़ने के लिए मिल जाएगी। ऐसे में स्कूलों में भी रिफॉर्म होने लगा हैं, स्मार्ट क्लासेस हों या फिर स्मार्ट स्टडी, हर तरीके से पेपर पर डिपेंडेंसी खत्म होती जा रही हैं। लेकिन क्या आपने सुना है कि भारत में कोई विश्वविद्यालय पेपरलेस हो सकता हैं। 

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  • Publish Date - December 5, 2022 / 07:27 PM IST,
    Updated On - December 5, 2022 / 07:30 PM IST

Indias First Paperless University

India’s First Paperless University: आज देश पेपरलेस होने की ओर अग्रसर हैं, कई किताबें अब आपको ऑनलाइन पढ़ने के लिए मिल जाएगी। ऐसे में स्कूलों में भी रिफॉर्म होने लगा हैं, स्मार्ट क्लासेस हों या फिर स्मार्ट स्टडी, हर तरीके से पेपर पर डिपेंडेंसी खत्म होती जा रही हैं। लेकिन क्या आपने सुना है कि भारत में कोई विश्वविद्यालय पेपरलेस हो सकता हैं।

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जी हां आपने अभी तक नहीं सुना तो अब सुन लीजिए, भारत के एक फेमस राज्य में एक ऐसा विश्वविद्यालय का निर्माण किया जा चुका हैं पूरी तरह से पेपरलेस हैं। इस विश्वविद्यालय का नामछत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) जो उत्तरप्रदेश में स्थित है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के क्लाउड इनेबल्ड सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन की ओर से ई ऑफिस की स्थापना की गई है।

साथ ही कैंपस के सभी विभागों की ई फाइलें बन रही हैं, जिसके लिए संबंधित अधिकारियों को लॉगिन और पासवर्ड जारी कर दिया गया है। पेपरलेस होने की जानकारी से यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ ही अन्य उन छात्रों की मदद होगी, जो कि दूरदराज क्षेत्रों से आकर यहां पर विभागों के चक्कर लगाया करते थे।

नहीं देने होंगे 400 पेज के असाइनमेंट

India’s First Paperless University वहीं सीएसजेएम की इस पहल के बाद यह विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला पेपरलेस विश्वविद्यालय बन गया है। पूर्व में भी छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय ने प्रदेश में अपने कई अलग रिकॉर्ड बनाए हैं। पेपरलेस होने से अब कर्मचारियों को ज्यादा कागजी कार्रवाई भी नहीं करनी पड़ेगी और एक क्लिक पर ही सारी जानकारी उपलब्ध हो जाएगी।

CSJM विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार अवस्थी और रजिस्ट्रार अनिल कुमार यादव ने ई ऑफिस की उपयोगिता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इससे अभिलेखों के ना मिलने की समस्या समाप्त हो जाएगी और कागज की बचत के साथ-साथ काम भी जल्दी होगा।

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