sadhram hatyakand kya hain
रायपुर: कवर्धा के साधराम यादव के हत्या के मामले पर सदन में जोरदार हंगामा हो रहा हैं। इस मुद्दे पर पक्ष और आमने-सामने आ गए है। इतना ही नहीं बल्कि विपक्षी सदस्य गर्भगृह तक पहुँच चुके हैंरायपुर:
दरअसल कवर्धा में साधराम यादव की हत्या का मामला शून्यकाल में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने उठाया। पूछा, हत्या के बाद लगातार समाज में आक्रोश है। सरकार के द्वारा ना तो ठीक से मुआवजा दिया गया है ना हो परिजनों को शासकीय नौकरी का ऐलान किया गया। मामले में सरकार तत्काल ध्यान देकर उचित कार्रवाई करें। कांग्रेस के विधायक अनिला भेड़िया, अटल श्रीवास्तव और देवेंद्र यादव ने इस मामले सीबीआई जाँच की सीबीआई की।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मृतक साधराम के परिवार को ना तो उचित मुआवजा मिला है ना सरकारी नौकरी मिली है ,उन्होंने भी इस मामले में सरकार से जवाब की मांग की। विपक्ष के सदस्य इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। सदस्य गर्भगृह तक पहुँच गये।
आज विधानसभा के बजट सत्र के 13वें दिन पंडरिया विधायक और भाजपा सदस्य भावना बोहरा ने उद्योग और सीएसआर से जुड़े सवाल मंत्री लखन लाल देवांगन से पूछे। भावना बोहरा ने प्रश्नकाल में पूछा कि सीएसआर मद के तहत कौन से कार्य किए जाते हैं?
व्हावना बोहरा के इस सवाल पर मंत्री लखन लाल ने बताया कि यह मद केंद्र सरकार के अधीन होते है और केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही कार्रवाई की जाती है।
मंत्री के इस जवाब के बाद भाजपा सदस्य अनुज शर्मा ने प्र्शन किया कि उद्योग अपनी मर्जी से राशि खर्च करते हैं, क्या इस पर कार्रवाई होगी? देवांगन ने बताया कि केंद्र सरकार को ही इसके संबंध में निर्णय लेने का अधिकार है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, क्या राज्य सरकार केंद्र से आग्रह करेंगे कि पूर्व की तरह राज्य सरकार के नियंत्रण में हो? इस पर मंत्री ने कहा कि वे इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे। भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने पूछा, किस माध्यम से काम किया जा रहा है, इसकी जानकारी दें। मंत्री ने कहा, उद्योग सीधे स्थानीय जनप्रतिनिधि से बात कर काम करते हैं।
आज विधानसभा के बजट सत्र के 13वें दिन आरंग के विधायक खुशवंत साहेब ने अपने क्षेत्र से जुड़े एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर मंत्री लखनलाल देवांगन से सवाल पूछा। प्रश्नकाल में भाजपा विधायक खुशवंत साहेब ने आरंग में उद्योग स्थापना के लिए आवंटित जमीन के प्रावधान को लेकर सवाल उठाया।
खुशवंत के सवाल पर उद्योग एवं श्रम मंत्री मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि सूक्ष्म उद्योग के लिए 2 साल, लघु उद्योग के लिए 3 साल, माध्यम उद्योग के लिए 5 साल की समय सीमा है। तय समय सीमा में उद्योग नहीं लगने पर जमीन आवंटन रद्द किया जाता है। मंत्री देवांगन ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 2103 लोगों को उद्योगों में रोजगार उपलब्ध कराया गया है।