Chaitra Navratri 7th Day 2025: Saptami of Chaitra Navratri today

Chaitra Navratri 7th Day 2025: चैत्र नवरात्रि की सप्तमी आज, जानें मां कालरात्रि की पूजा विधि, मंत्र, प्रिय भोग और सब कुछ

चैत्र नवरात्रि की सप्तमी आज...Chaitra Navratri 7th Day 2025: Saptami of Chaitra Navratri today, know the method of worship of Maa Kalratri

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Modified Date: April 4, 2025 / 08:00 AM IST
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Published Date: April 4, 2025 8:00 am IST
HIGHLIGHTS
  • चैत्र नवरात्रि की सप्तमी आज,
  • 4 अप्रैल को माँ कालरात्रि की आराधना,
  • मां कालरात्रि की पूजा विधि, मंत्र, प्रिय भोग,

Chaitra Navratri 7th Day 2025:  चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन माँ दुर्गा के सातवें स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है। नवरात्रि के इस विशेष दिन पर हर ओर माँ की जय-जयकार सुनाई देती है। मंदिरों और घरों में माँ की ज्योति प्रज्वलित की जाती है। भक्तगण व्रत, तप, और ध्यान के माध्यम से माता को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 4 अप्रैल को माँ कालरात्रि की आराधना की जा रही है। ऐसा माना जाता है कि माता कालरात्रि की पूजा से सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और भक्तों को अद्भुत शक्ति एवं साहस की प्राप्ति होती है।

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माँ कालरात्रि की पूजा विधि

Chaitra Navratri 7th Day 2025:  प्रातः स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। माँ कालरात्रि के समक्ष दीप प्रज्वलित करें और ध्यान करें। माता को रोली, अक्षत, फल, पुष्प आदि अर्पित करें। गुड़हल या गुलाब के लाल फूल चढ़ाएं, क्योंकि यह माँ कालरात्रि को अत्यंत प्रिय हैं। गुड़ का भोग अर्पित करें, जो माता का प्रिय प्रसाद है। धूप, दीप, पुष्प और नैवेद्य चढ़ाकर माँ की आरती करें। रुद्राक्ष या लाल चंदन की माला से मंत्र जाप करें। अंत में, गुड़ का दान करें, जिससे माँ का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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माँ कालरात्रि का मंत्र

Chaitra Navratri 7th Day 2025:  भक्तगण माँ कालरात्रि की पूजा के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:

  1. ध्यान मंत्र:“एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥”
  2. स्तुति मंत्र:“या देवी सर्वभू‍तेषु कालरात्रि रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥”

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माँ कालरात्रि की पूजा का महत्व

Chaitra Navratri 7th Day 2025:  माँ कालरात्रि को अंधकार और भय नाशिनी माना जाता है। उनकी पूजा करने से भय, शत्रु और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। माता का आशीर्वाद साहस, पराक्रम और आत्मबल प्रदान करता है। गुड़ का भोग अर्पित करने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

माँ कालरात्रि कौन हैं?

माँ कालरात्रि देवी दुर्गा का सातवाँ रूप हैं, जिन्हें अंधकार, भय और नकारात्मक शक्तियों का नाश करने वाली शक्ति के रूप में पूजा जाता है।

माँ कालरात्रि की पूजा का क्या लाभ है?

इस पूजा से सभी प्रकार के भय और शत्रु बाधा दूर होती है, साथ ही साहस और आत्मबल की प्राप्ति होती है।

माँ कालरात्रि की पूजा में क्या अर्पित किया जाता है?

माँ कालरात्रि को लाल रंग के फूल, गुड़, धूप, दीप, नैवेद्य और लाल चंदन अर्पित किए जाते हैं।

नवरात्रि के सातवें दिन विशेष रूप से क्या करना चाहिए?

इस दिन माँ कालरात्रि की पूजा, व्रत, मंत्र जाप और दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

माँ कालरात्रि को कौन-सा प्रसाद प्रिय है?

माँ कालरात्रि को गुड़ अत्यंत प्रिय है, इसलिए उन्हें गुड़ या उससे बनी मिठाइयों का भोग लगाना शुभ माना जाता है।