guru ghasidas jayanti 2024: छुआछूत मिटाने के लिए समाज को दिया था ये संदेश, जानें कौन है सतनामी समाज के पूर्वज बाबा गुरु घासीदास

guru ghasidas jayanti 2024: छुआछूत मिटाने के लिए समाज को दिया था ये संदेश, जानें कौन है सतनामी समाज के पूर्वज बाबा गुरु घासीदास

guru ghasidas jayanti 2024: छुआछूत मिटाने के लिए समाज को दिया था ये संदेश, जानें कौन है सतनामी समाज के पूर्वज बाबा गुरु घासीदास

guru ghasidas jayanti 2024

Modified Date: December 18, 2024 / 08:58 am IST
Published Date: December 18, 2024 8:58 am IST

रायपुरः guru ghasidas jayanti 2024 सत्य और अहिंसा का संदेश जन जन तक पहुंचाने वाले संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास का आज 268वीं जयंती है। हर साल 18 दिसंबर का सतनामी समाज की ओर से बाबा गुरु घासीदास की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। सतनामी समाज के लोग दूर दूर से छत्तीसगढ़ बलौदाबाज जिले के गिरौदपुर धाम में बाबा के दर्शन करने के लिए जाते हैं। आइए जानते हैं संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास का बारे में

Read More: Shama Sikander Hot Photos: शमा सिकंदर के बोल्ड लुक ने बरपाया कहर, ग्लैमरस तस्वीरों ने उड़ाए होश 

बाबा गुरु घासीदास का जन्म

guru ghasidas jayanti 2024 बाबा गुरु घासीदास को सतनामी समाज का जनक कहा जाता है। उनका जन्म 18 दिसंबर 1756 को छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के गिरौदपुरी में एक गरीब और साधारण परिवार में हुआ था। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर कुठाराघात किया। जिसका असर आज तक दिखाई पड रहा है। उनकी जयंती हर साल पूरे छत्तीसगढ़ में 18 दिसम्बर को मनाया जाता है।

 ⁠

Read More: Controversial statement: विधायक के बाद अब कांग्रेस नेता का विवादित बयान, भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं को कुत्ते का पट्टा पहनाने की कही बात 

सतनामी समाज के जनक

जोंक नदी के संगम पर स्थित गिरौदपुरी धाम में जन्में बाबा को सतनामी समाज का जनक कहा जाता है। उन्होंने समाज को सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने का उपदेश दिया। उन्होंने मांस और मदिरा सेवन को समाज में पूरी तरह से बंद करवा दिया था। उनके द्वारा दिये गए उपदेश को जिसने आत्मसात कर जीवन में उतारा उसी समाज को आगे चलकर सतनामी समाज के रूप में जाना जाने लगा।

Read More: MP-CG Weather Latest Update: प्रदेश के इस इलाके में तापमान पहुंचा 2.5 डिग्री, अगले चार दिन इन इलाकों में होगी बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट 

समाज को दिया था ये संदेश

घासीदास के जन्म के समय समाज में छुआछूत और भेदभाव चरम पर था। घासीदास ने समाज में व्याप्त बुराइयों को जब देखा तब उनके मन में बहुत पीड़ा हुई तब उन्होंने समाज से छुआछूत मिटाने के लिए ‘मनखे मनखे एक समान‘ का संदेश दिया। उन्होंने समाज को सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने का उपदेश दिया। उन्होंने मांस और मदिरा सेवन को समाज में पूरी तरह से बंद करवा दिया था। उनके द्वारा दिये गए उपदेश को जिसने आत्मसात कर जीवन में उतारा उसी समाज को आगे चलकर सतनामी समाज के रूप में जाना जाने लगा।

FAQ Section:

1. गुरु घासीदास की जयंती कब मनाई जाती है?

गुरु घासीदास की जयंती 18 दिसंबर को मनाई जाती है, जो हर साल सतनामी समाज द्वारा धूमधाम से मनाई जाती है।

2. गुरु घासीदास को सतनामी समाज का जनक क्यों कहा जाता है?

गुरु घासीदास को सतनामी समाज का जनक कहा जाता है क्योंकि उन्होंने समाज में व्याप्त छुआछूत, भेदभाव और कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और समाज में समानता का संदेश दिया।

3. गुरु घासीदास ने समाज को कौन से महत्वपूर्ण संदेश दिए?

गुरु घासीदास ने समाज को “मनखे मनखे एक समान” का संदेश दिया, जिससे छुआछूत और जातिवाद को समाप्त करने का प्रयास किया गया। उन्होंने सत्य, अहिंसा और समानता के सिद्धांतों को समाज में फैलाया।

4. गुरु घासीदास के कौन से उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं?

गुरु घासीदास के उपदेश समानता, भाईचारे, सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित थे, जो आज भी हमारे समाज में प्रासंगिक हैं और समाज में सुधार की दिशा में योगदान देते हैं।

5. गुरु घासीदास की जयंती पर कौन से आयोजन होते हैं?

गुरु घासीदास की जयंती पर विशेष पूजा, भजन कीर्तन और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, विशेष रूप से गिरौदपुर धाम में उनके दर्शन के लिए लोग आते हैं।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

 


लेखक के बारे में

IBC24 डिजिटल में कंटेंट राइटर के रूप में कार्यरत हूं, जहां मेरी जिम्मेदारी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की राजनीति सहित प्रमुख विषयों की खबरों की कवरेज और प्रस्तुति है। वर्ष 2016 से डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हूं और अब तक 8 वर्षों का अनुभव प्राप्त किया है। विभिन्न प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य करते हुए न्यूज़ राइटिंग और डिजिटल टूल्स में दक्षता हासिल की है। मेरे लिए पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है—सटीक, तेज और असरदार जानकारी पाठकों तक पहुंचाना मेरा लक्ष्य है। बदलते डिजिटल दौर में खुद को लगातार अपडेट कर, कंटेंट की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।