76% reservation in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 76 फीसदी आरक्षण पर फिर फंसा पेंच! राज्यपाल ने पूछ लिया ये बड़ा सवाल

छत्तीसगढ़ 76% आरक्षण पर फिर से पेंच फंस गया है। ऐसी हालत में जब कि आरक्षण संशोधन विधेयक की फाइल राज्यपाल के यहां पेंडिंग है वहीं अब राज्यपाल अनुसुइया उइके ने बड़ा सवाल पूछ दिया है। उन्होंने कहा है कि आखिर इस आरक्षण का आधार क्या है?

76% reservation in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 76 फीसदी आरक्षण पर फिर फंसा पेंच! राज्यपाल ने पूछ लिया ये बड़ा सवाल
Modified Date: December 10, 2022 / 08:08 pm IST
Published Date: December 10, 2022 8:05 pm IST

रायपुर। आरक्षण को लेकर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि मैं जानना चाहती हूं की रोस्टर की क्या तैयारी है। सरकार ने क्या आधार मानकर आरक्षण बढ़ाया है। हाईकोर्ट से निपटने सरकार की क्या तैयारी है। ऐसे में सरकार से पूरी जानकारी लेकर ही साइन करूंगी।

छत्तीसगढ़ 76% आरक्षण पर फिर से पेंच फंस गया है। ऐसी हालत में जब कि आरक्षण संशोधन विधेयक की फाइल राज्यपाल के यहां पेंडिंग है वहीं अब राज्यपाल अनुसुइया उइके ने बड़ा सवाल पूछ दिया है। उन्होंने कहा है कि आखिर इस आरक्षण का आधार क्या है?

बता दें कि धमतरी में आज राज्यपाल अनुसुइया उइके बोलीं कि यह मामला कोर्ट में जा सकता है, इसलिए तकनीकी जानकारी के बाद ही साइन करूंगी। राज्यपाल ने कहा कि सामान्य वर्ग के लोगों ने भी मुझे ज्ञापन दिया है। 58 प्रतिशत के उपर आरक्षण अवैधानिक हो रहा है, इसलिए 76 प्रतिशत पर सरकार क्या करेगी, इसकी जानकारी चाहिए होगा।

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इस मामले में अब सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है, राज्यपाल के बयान पर मंत्री कवासी लखमा ने कहा कहीं न कहीं उन पर दबाव होगा, आदिवासी हित के लिए राज्यपाल काम करती हैं, राज्यपाल महिला और आदिवासी हैं। उम्मीद है राज्यपाल जल्द हस्ताक्षर करेंगी। वहीं ST-SC विभाग के मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने कहा कि जनसंख्या के आधार पर आरक्षण दिया गया है। राज्यपाल से हम आग्रह करते हैं कि वे हस्ताक्षर करें । राज्यपाल से हम जल्द ही मुलाकात करेंगे।

इनके अलावा पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार आरक्षण विधेयक जल्दबाजी में लाई। अब जब 76% आरक्षण के आधार की जानकारी राज्यपाल मांग रहीं हैं तो उनको इसकी जानकारी राज्य सरकार को देना चाहिए।

गौरतलब है कि ​मामले के​ विशेषज्ञों ने पहले ही भविष्यवाणी की थी ​कि 76 फीसदी आरक्षण का मामला उच्चतम न्यायालय में टिक नहीं पाएगा, लेकिन अभी तो न्यायालय तक मामला गया ही नहीं राज्यपाल ने ही बड़ा सवाल खड़ा कर दिया, अब ऐसे में इस विधेयक का भविष्य कितना होगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com