Chaitanya Baghel Latest News: भूपेश के बेटे को एक और बड़ा झटका, इतने दिनों तक और रहेंगे जेल में, कोर्ट में बढ़ाई न्यायिक रिमांड
भूपेश के बेटे को एक और बड़ा झटका, इतने दिनों तक और रहेंगे जेल में, Another major blow to Bhupesh's son, court extends his remand
- छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आरोपी चैतन्य बघेल की रिमांड 26 नवंबर तक बढ़ाई गई।
- EOW की विशेष अदालत में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने रिमांड बढ़ाने का आदेश दिया।
- एजेंसी को पूछताछ में नए सबूत और जानकारियां मिलने की उम्मीद।
रायपुर। Chaitanya Baghel Latest News: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। इस मामले में गिरफ्तार चैतन्य बघेल की रिमांड अवधि 26 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। बुधवार को उन्हें EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां सुनवाई के बाद अदालत ने रिमांड बढ़ाने का आदेश दिया।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग और शराब घोटाला मामले में 18 जुलाई को भिलाई निवास स्थान से गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक चैतन्य बघेल ने 16 करोड़ 70 लाख रुपए की अवैध कमाई को अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट मे इन्वेस्ट किया। आरोप है कि यह पैसा नगद में ठेकेदारों को भुगतान फर्जी बैंक एंट्री और फ्लैट खरीदी के बहाने से उपयोग किया। वह त्रिलोक सिंह ढिल्लो के साथ मिलकर विट्ठलपुरम नामक परियोजना में फर्जी फ्लैट खरीद की योजना बनाकर 5 करोड़ हासिल करने के आरोप में भी घिरे हैं। इन फ्लैटों को त्रिलोक सिंह ढिल्लो के कर्मचारियों के नाम पर खरीदा गया था, लेकिन असली लाभार्थी चैतन्य ही थे। जांच में यह भी पाया गया कि चैतन्य ने इस घोटाले से जुड़े 1000 करोड़ से अधिक की अवैध धनराशि को हैंडल किया और इसे अनवर ढेबर और अन्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष तक पहुंचाया गया। यह राशि बघेल परिवार के करीबी लोगों द्वारा आगे इन्वेस्ट के लिए प्रयोग की गई।
ED जांच कर रही छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच
Chaitanya Baghel Latest News: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 3200 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। इस घोटाले में राजनेता, आबकारी विभाग के अधिकारी, कारोबारी सहित कई लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

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