Modi cabinet decisions: मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, डोंगरगढ़-गोंदिया के बीच चौथी रेल लाईन को मंजूरी
Modi cabinet decisions: मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, डोंगरगढ़-गोंदिया के बीच चौथी रेल लाईन को मंजूरी
Modi cabinet decisions | Photo Credit: IBC24
- दिवाली और छठ पर यात्रियों के लिए 12,000 स्पेशल ट्रेनें चलेंगी
- डोंगरगढ़-गोंदिया के बीच 84 किमी चौथी रेल लाइन परियोजना को हरी झंडी
- परियोजना से हर साल 23 करोड़ किलो CO₂ उत्सर्जन में कमी आएगी
रायपुर: Modi cabinet decisions प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने आज भारतीय रेलवे की चार मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी कुल अनुमानित लागत ₹24,634 करोड़ रुपये है । इन परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के नेटवर्क में लगभग 894 किलोमीटर की वृद्धि होगी ।
Modi cabinet decisions इन चार परियोजनाओं में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के गोंदिया–डोंगरगढ़ खंड (84 किलोमीटर, ₹2,223 करोड़) की चौथी रेल लाइन परियोजना भी शामिल है, जो महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्यों से होकर गुजरती है । यह खंड पूर्व, मध्य और पश्चिम भारत को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण यात्री एवं माल यातायात मार्ग पर स्थित है ।
यह परियोजना राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) और गोंदिया (महाराष्ट्र) जिलों से होकर गुजरती है, जिनमें से राजनांदगांव एक आकांक्षी जिला है । इस खंड से हज़ारा जलप्रपात, नवेगांव राष्ट्रीय उद्यान, बम्लेश्वरी मंदिर, डोंगरगढ़ धारा रिज़र्व फ़ॉरेस्ट जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को भी बेहतर रेल संपर्क मिलेगा, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को नया प्रोत्साहन मिलेगा ।
परियोजना की प्रमुख विशेषताएं:
• मार्ग लंबाई: 84 किलोमीटर
• अनुमानित लागत: ₹2,223 करोड़
• निर्माण अवधि: 5 वर्ष
• रेलवे पुलों की संख्या: 15 मेजर एवं 123 माइनर
• टनल: 1
• रोड ओवर ब्रिज: 3
• रोड अंडर ब्रिज: 22
• अतिरिक्त माल यातायात क्षमता: 30.6 मिलियन टन प्रति वर्ष
• CO₂ उत्सर्जन में कमी: 23 करोड़ किलोग्राम प्रति वर्ष (लगभग 1 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर)
• डीज़ल बचत: 4.6 करोड़ लीटर प्रति वर्ष
• लॉजिस्टिक लागत में बचत: ₹514 करोड़ प्रति वर्ष
मल्टी-ट्रैकिंग से लाइन क्षमता और गतिशीलता में वृद्धि होगी, जिससे निर्बाध रेल परिचालन सुनिश्चित होगा । यह परियोजना पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य एकीकृत योजना द्वारा मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाना है ।
यह पहल न केवल क्षेत्रीय विकास में सहायक होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा दक्षता, और रोजगार/स्वरोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगी।

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