Balod News: छत्तीसगढ़ में रसोइयों का हल्ला बोल! मानदेय बढ़ाने और स्थायीकरण की मांग पर सड़कों पर उतरे हजारों, विधायक ने दिया समर्थन

Balod News: छत्तीसगढ़ में रसोइयों का हल्ला बोल! मानदेय बढ़ाने और स्थायीकरण की मांग पर सड़कों पर उतरे हजारों, विधायक ने दिया समर्थन

Balod News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • रसोइयों का धरना प्रदर्शन जारी,
  • तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
  • विधायक ने दिया समर्थन,

बालोद: Balod News:  बालोद जिला मुख्यालय में मध्यान्ह भोजन रसोईया संघ द्वारा अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर किया जा रहा धरना-प्रदर्शन मंगलवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। रसोइयों ने न केवल धरना स्थल पर बैठकर अपनी आवाज बुलंद की बल्कि नगर में रैली निकालकर जनजागरूकता भी फैलाई। प्रदर्शन के बाद रसोइयों ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में सौंपा।

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Balod News:  धरना स्थल पर जिले भर से आईं हजारों की संख्या में रसोइयों ने हिस्सा लिया, जिससे जिले के कई स्कूलों में मध्यान्ह भोजन व्यवस्था प्रभावित हो गई है। प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें हैं की रसोइयों को कलेक्टर दर पर मानदेय दिया जाए। विद्यार्थियों की संख्या कम होने पर किसी भी रसोइया को कार्य से न निकाला जाए। अंशकालीन रसोइयों को पूर्णकालिक कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। रसोईया संघ के जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार सोनवानी ने बताया कि जब तक उनकी मांगों पर सरकार ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि रसोइये विद्यालयों में सबसे कम वेतन में सबसे महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं लेकिन शासन द्वारा उनकी लगातार अनदेखी की जा रही है।

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Balod News:  इस प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए क्षेत्रीय विधायक संगीता सिन्हा अपने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ धरना स्थल पहुंचीं और रसोइयों की मांगों को न्यायोचित बताया। उन्होंने आश्वासन दिया कि इन मांगों को राज्य सरकार तक प्राथमिकता के साथ पहुंचाया जाएगा। विधायक संगीता सिन्हा ने मीडिया से बातचीत में कहा की रसोइयों की मांगें पूरी तरह जायज हैं।

"मध्यान्ह भोजन रसोइया संघ की मांगें" क्या हैं?

रसोइयों की मुख्य मांगें हैं – कलेक्टर दर पर वेतन, अंशकालिक को पूर्णकालिक दर्जा और कम विद्यार्थियों की संख्या पर भी कार्य से न निकाला जाना।

"रसोइयों का धरना प्रदर्शन" बालोद में कब से चल रहा है?

यह प्रदर्शन मंगलवार को तीसरे दिन भी जारी रहा, यानी कम से कम 28 जुलाई 2025 से शुरू हुआ है।

क्या "धरना प्रदर्शन से मध्यान्ह भोजन योजना" प्रभावित हुई है?

जी हाँ, प्रदर्शन के चलते कई स्कूलों में मध्यान्ह भोजन व्यवस्था प्रभावित हुई है।

"विधायक संगीता सिन्हा" ने प्रदर्शन पर क्या कहा?

उन्होंने रसोइयों की मांगों को जायज बताया और आश्वासन दिया कि उन्हें राज्य सरकार तक पहुँचाया जाएगा।

क्या "सरकार ने रसोइयों की मांगों पर कोई फैसला लिया"?

अभी तक सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है, प्रदर्शन जारी है।